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मोदी सरकार 2.0 ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 100 ट्रिलियन रुपये निवेश करने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार का सबसे ज्यादा जोर रोड, रेल और मेट्रो नेटवर्क को दुरुस्त करने पर है.
बजट- 2019 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतमाला के दूसरे चरण में राज्यों को राज्यस्तरीय सड़कों के विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. राष्ट्रीय गैस ग्रिड, जल ग्रिड, सूचना- मार्ग और हवाईअड्डों के विकास के लिए खाका तैयार किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतमाला, सागरमाला और उड़ान जैसी योजनाएं गांवों और शहरों के बीच की दूरी को मिटाने का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ये तीनों ही योजनाएं परिवहन के बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही हैं.
सीतारमण ने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट से राज्यों को रोडवेज विकसित करने में मदद मिलेगी. देश में 657 किलोमीटर मेट्रो रेल नेटवर्क परिचालन में आ गया है और 300 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों में विशेष छूट दी गई है.
सरकार ने अगले पांच सालों के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी, जो दीर्घ अवधि की वित्त उपलब्धता के संबंध में मौजूदा स्थिति और विकास वित्त संस्थाओं के बारे में हमारे पूर्व के अनुभव का अध्ययन करेगी.
इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए गैस ग्रिड बनाने का भी ऐलान किया है. साहेबगंज और हल्दिया में दो टर्मिनल बनाने का भी ऐलान किया है.
इसके अलावा पावर सेक्टर के लिए पैकेज का भी ऐलान किया गया है. पावर कनेक्टिविटी के लिए 'वन नेशन वन ग्रिड' बनाने का भी ऐलान किया गया है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत देश भर की 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा. लोकसभा में 2019-20 के लिए बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि योजना के लिए 80,250 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए जोर देकर कहा कि रेलवे को 2018 से 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है. उन्होंने यात्री और माल ढुलाई सेवाओं में तेजी से विकास करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) का प्रस्ताव दिया. सीतारमण ने कहा, "अनुमान है कि 2018-2030 के बीच रेलवे की इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत है."
उन्होंने कहा, "यह देखते हुए कि रेलवे का पूंजीगत व्यय 1.5 से 1.6 लाख करोड़ प्रति वर्ष है, सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने में दशकों लगेंगे." उन्होंने कहा, "इसीलिए ट्रैक और रॉलिंग स्टॉक्स यानी रेल इंजन, कोच और वैगन निर्माण कार्य और यात्री माल सेवाएं संचालित करने में तेजी से विकास लाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव लाया गया है."
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