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बजट 2020: सरकार किन सेक्टर्स पर करे फोकस, बता रहे हैं नीलेश शाह

लोगों की जेब में पैसे कैसा आएगा?

क्विंट हिंदी
आम बजट 2022
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बजट से पहले कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के एमडी नीलेश शाह से खास बातचीत
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बजट से पहले कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के एमडी नीलेश शाह से खास बातचीत
(फोटो: ट्वीटर/फेसबुक)

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए बजट 1 फरवरी को संसद में पेश होगा. इस बजट में सरकार की कोशिश होगी कि ग्रोथ को रफ्तार मिले, युवाओं को रोजगार मिले और लोगों की जेब में पैसा आए ताकि वो खर्च करें और सुस्त पड़ी मांग को बूस्ट मिले और बाजार में रौनक वापस लौटे. इसके लिए सरकार क्या करे ये बता रहे हैं दिग्गज शेयर मार्केट एक्सपर्ट और कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के MD नीलेश शाह.

बजट 2020 का अहम लक्ष्य

  • ग्रोथ को सहारा देना
  • निवेश को बढ़ावा देना
  • टैक्स का दायरा बढ़ाना
  • सेविंग को बढ़ावा देना

सरकार चाहेगी कि वो फिस्कल प्रूडेंस के रास्ते पर चले, जिससे विदेशी और घरेलू निवेशकों को भरोसा बढ़े

बाजार की बजट 2020 से क्या हैं उम्मीदें?

मार्केट बड़ी उम्मीदों से बजट 2020 को देख रहा है. इकनॉमी की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ रही है. इसलिए भी बाजार में काफी उम्मीदें है कि बजट 2020 से ग्रोथ को रफ्तार मिलेगी, निवेश को सहयोग मिलेगा और सरकार माप-तौल के खर्च करेगी.

ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए 4 फैक्टर होते हैं-

  1. खपत
  2. निवेश
  3. सरकारी खर्च
  4. ट्रेड बैलेंस

इस बजट से उम्मीद है सरकार खर्च करेगी. जिससे खपत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

किन सेक्टर पर फोकस रह सकता है?

बजट के पहले रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन, NBFC को सहारे की जरूरत है. कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट काफी अहम हैं. इस बजट में पर्सनल टैक्स में रियायत बढ़ेगी, जिससे कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट को बढ़ावा मिले. ऐसी भी उम्मीद है कि इस बजट में पर्सनल टैक्स में रियायत मिलेगी ताकि कंस्ट्रक्शन को बढ़ावा मिले. बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को भी सरकार रियायत दे सकती है.

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लोगों की जेब में पैसे कैसा आएगा?

NBFC पैसे को उस जगह पहुंचाता है जहां बैंकिंग सिस्टम नहीं पहुंचते. पिछले सालों में NBFC सेक्टर कठिनाई से गुजर रहा है. बजट 2020 में सरकार NBFC को राहत दे सकती है. निवेश को सपोर्ट दिया जाएगा, ब्याज की दरें कम हो सकती हैं, जिससे निवेश को बढ़ावा मिले. आंत्रप्रेन्योर के पास पैसा होना बहुत जरूरी है भारत की सेविंग भारत में रहने की बजाय विदेशों में जा रही है. पिछले 8 सालों में हमने करीब 300 बिलियन डॉलर बाहर भेजे. अगर ये भारत में निवेश होते तो हमारी GDP 12% से ज्यादा होती. बजट 2020 जैसे आदमी सोना खरीदता है. वैसे ही फाइनेंशियल इन्सट्रूमेंट खरीद सके. अगर भारत की सेविंग भारत में रहेगी तो निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

निवेश कैसे बढ़ेगा?

सरकार निवेश कर रही है तो उसको अपनी आय भी बढ़ानी पड़ेगी.

चाणक्य ने कहा था कि जैसे मधुमक्खी से शहद निकलती है. वैसे ही राजा को टैक्स जुटाना चाहिए.

जब भी हमने टैक्स घटाया है उसका दायरा बढ़ा है और टैक्स कलेक्शन भी बढ़ा है. इस बार भी उम्मीद है हम दायरा बढ़ाएंगे और टैक्स कलेक्शन बढ़ाएंगे.

सरकार जीरो बेस बजटिंग पर करे काम

बजट 2020 बनाते वक्त हमें जीरो बेस बजटिंग तकनीकी का इस्तेमाल करना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि पुराने खर्चे जो चले आ रहे हैं वो चलते जाते हैं. जीरो बेस बजटिंग में हम चीजों को नए नजरिए से देखते हैं. जो खर्चे हमें मुनाफा नहीं दे रहे उनको हटा सकते हैंऔर सही जगह  पर खर्च कर सकते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 27 Jan 2020,05:08 PM IST

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