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बजट में महिलाओं को मिला 'सम्मान'? जानिए क्या है महिला सम्‍मान बचत पत्र

Mahila Samman Bachat Patra से महिलाओं को कैसे फायदा होगा?

शादाब मोइज़ी
आम बजट 2022
Published:
बजट में महिलाओं के लिए ऐलान
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बजट में महिलाओं के लिए ऐलान
(फोटो: ट्विटर)

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपना पांचवां बजट 2023 (Budget 2023) पेश किया है. इस बजट पर सबकी नजरें हैं क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ये नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 का आखिरी पूर्ण बजट है. बजट में निर्मला सीतारमण ने एक खास शब्द 'सम्‍मान' का इस्तेमाल किया है. बजट में ये शब्द महिलाओं से जुड़े एक स्कीम के लिए इस्तेमाल हुआ है. निर्मला सितारमण ने महिला सम्‍मान बचत पत्र योजना (Mahila Samman Saving Scheme) की घोषणा की है.

अब सवाल है कि आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए लाई गई ये स्कीम क्या है? इस स्कीम से महिलाओं को कैसे फायदा होगा?

क्या है महिला सम्मान बचत पत्र

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा,

आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए, वन टाइम न्यू सेविंग स्कीम, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र, मार्च 2025 तक दो साल की अवधि के लिए लागू कराया जाएगा. इसमें महिला और लड़की को अधिकतम 2 लाख रुपये की एकमुश्त राशि जमा कराने की सुविधा होगी. जिस पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा. इसमें आंशिक निकासी का विकल्प भी होगा यानी साल के बीच में अगर पैसे निकालने हैं तो उसकी भी सुविधा होगी. 

मतलब ये हुआ कि इस योजना के तहत ब्याज दर समान अवधि के लिए बैंकों द्वारा दी जाने वाली दरों से अधिक है.

वित्त मंत्री के इस ऐलान को ऐसे समझिए कि अगर कोई 'महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र' स्कीम से जुड़ी हैं और वो अपने बैंक अकाउंट में दो लाख रुपये जमा करती हैं तो दो साल बाद उन्हें 2 लाख 30 हजार रुपये मिलेंगे और अगर वो इन पैसों को 2 साल से पहले निकालना चाहें तो उनके पास पहले पैसा निकालने का भी ऑप्शन होगा.

इसके अलावा अगर कोई महिला इस सम्मान बचत पत्र योजना में पैसे जमा करती है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

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महिलाओं के लिए बजट में क्या है?

महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए, सीतारमण ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) ने ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूहों (self help group) में लाकर "उल्लेखनीय सफलता" हासिल की है. वित्त मंत्री ने कहा, "हम इन समूहों को बड़े उत्पादक उद्यमों या समूहों के गठन के जरिए आर्थिक सशक्तिकरण के अगले चरण तक पहुंचने में सक्षम बनाएंगे, जिसमें हर ग्रुप में हजारों सदस्य होंगे और पेशेवर रूप से मैनेज किए जाएंगे."

आम बजट 2023-24 में सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए 25,448 करोड़ रुपए का आवंटन किया है. यह वित्त वर्ष 2022-23 में आवंटित 25,172.28 करोड़ रुपये से सिर्फ 267 करोड़ रुपये ज्यादा है.

सरकार ने इस साल के बजट में मिशन शक्ति (महिला सुरक्षा व सशक्तीकरण) के तहत 3144 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. पिछले बजट में 3,184 करोड़ रुपए आंवटन का ऐलान हुआ था.

इसके अलावा महिलाओं से जुड़ी दूसरी योजनाओं जैसे कि मिशन वात्सल्य, मिशन शक्ति, निर्भया फंड और संबल योजना, जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और वन-स्टॉप सेंटर शामिल हैं, के लिए बजटीय आवंटन में कोई वृद्धि नहीं हुई है.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, नारी अदालत, महिला पुलिस स्वयंसेवक और महिला हेल्पलाइन जैसी महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाली योजनाओं के बजट को 587 करोड़ रुपये से घटाकर 562 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

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