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GES 2017: इस ‘छुटके एंटरप्रेन्योर’ ने सबका दिल जीत लिया है

जीईएस-2017 में शिरकत कर रहा हैं ऑस्ट्रेलिया का 13 साल का एंटरप्रेन्योर हामिश फिनलेसन

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हामिश फिनलेसन 13 साल की उम्र में 5 ऐप्स डेवलप कर चुका है
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हामिश फिनलेसन 13 साल की उम्र में 5 ऐप्स डेवलप कर चुका है
(फोटो: ब्लूमबर्ग क्विंट) 

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उसकी उम्र महज 13 साल है, और वो एक ऑटिस्टिक बच्चा है. लेकिन जब हौसला हो तो कमियां शायद ही आड़े आती हैं. ये बच्चा इन दिनों दुनिया भर के 1500 कारोबारियों के बीच अलग ही चमक रहा है. ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट में शिरकत करने आये आस्ट्रेलिया के एप डेवलपर हामिश फिनलेसन इस सम्मेलन में सबसे कम उम्र का कारोबारी है.

उम्र छोटी, कामयाबी बड़ी

मंगलवार को हैदराबाद में शुरू हुए ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट में देश-विदेश से पहुंचे कारोबार जगत के 1500 नुमाइंदों के बीच महज 13 साल का एक कारोबारी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. वह ऑटिस्टिक है मतलब एक ऐसी बीमारी, जिसमें बच्चा अपने आप में खोया रहता है. लेकिन इससे उसके काम पर कोई असर नहीं पड़ा है. वो सातवीं क्लास में पढ़ता है और अब तक पांच मोबाइल ऐप डेवलप कर चुका है. इसमें एक ऐप ऐसा है, जो ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर यानी एएसडी से पीड़ित मरीजों के लिए मददगार है.

ब्लूमबर्ग क्विंट से बातचीत करते हुए हामिश ने बताया -

दुनिया की एक फीसदी आबादी ऑटिज्म से पीड़ित है. मुझे और मेरे पिता को ऑटिज्म है. ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को अक्सर समाज में बुरा बर्ताव झेलना पड़ता है, क्योंकि इसके बारे में पर्याप्त जागरुकता नहीं है. मैं अपने ऐप के जरिये यही जागरुकता लाकर लोगों और ऑटिज्म के बीच की दूरी को कम करना चाहता हूं.”  
हामिश फिनलेसन, ऐप डेवलपर
ऑस्ट्रेलिआ के क्वींसलैंड से आया यह छात्र पर्यावरण रक्षा की जरूरतों को लेकर काफी जोश में है और वह पर्यावरण पर अब तक चार ऐप बना चुका है. वो जब 10 साल का था तभी उसने अपना पहला ऐप ‘लिटरबग स्मैश’ बनाया था. यह एक मल्टीमीडिया, मल्टीचैनल एजुकेशनल टूल है. साथ ही यह महासागरों और कछुओं की रक्षा के लिए डिजाइन किया गया एक गेम है और उनके लिए चंदा इकट्ठा करने की एक पहल भी.  
ऑटिज्म और पर्यावरण के लिए ऐप डेवलप करता है 13 साल का हामिश(फोटो: इंस्टाग्राम) 
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भारत को लेकर उत्सुक है हामिश

हामिश दूसरी बार जीईएस में शामिल हो रहा है. इससे पहले वह साल 2016 में सिलिकॉन वैली में आयोजित ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट में हिस्सा ले चुका है. हामिश का कहना है कि हैदराबाद में वह वर्चुअल रियलिटी के बारे में जानना और यहां के लोगों से सॉफ्टवेयर स्किल में बारे में बातचीत करना चाहता है. उसने भारत में आकर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि वह इस देश, यहां के उद्यमियों और ईकोसिस्टम के बारे में जानने को उत्सुक है.

मैंने ट्रिपल टी एंड एएसडी एप विकसित किया है, जिसमें डे-टु-डे टिप्स हैं. इस ऐप के जरिये ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को मदद मिलती है और ऑटिज्म की जानकारी के इच्छुक लोग भी इससे फायदा उठा सकते हैं.”
हामिश फिनलेसन, ऐप डेवलपर  

होनहार बिरवान के होत चीकने पात

हामिश के पिता ग्रीन फिनलेसन के मुताबिक, उनका बेटा बचपन से ही टेक्नोलॉजी, गणित और कोडिंग पसंद करता था. जब वो आठ साल का था तभी से उसने कोडिंग शुरू कर दी थी. ऐप पर आयोजित एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बाद हामिश की इच्छा इस क्षेत्र में जगी और उसका सफर यहां से शुरु हुआ. हामिश फिनलेसन ने कहा, "मेरा पहला प्यार टेक्नोलॉजी और एप विकसित करना है लेकिन इसके साथ-साथ पढाई पर भी ध्यान देता हूं. स्कूल का काम खत्म करने के बाद मैं अपने ऐप पर काम करता हूं."

हामिश के ऐप, गूगल प्ले स्टोर के साथ एप्पल स्टोर पर भी उपलब्ध हैं और मौजूदा समय में दुनिया के 54 देशों में उसके बनाये ऐप के ग्राहक हैं.

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Published: 29 Nov 2017,11:21 AM IST

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