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क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में एक बार फिर तेज गिरावट रिपोर्ट की गई है. चीन और साउथ कोरिया के एक्सचेंज्स में बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टकरेंसीज पर रेगुलेशन कड़ा करने के बाद बिटकॉइन में करीब 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ये दो हफ्ते का सबसे निचला स्तर है, गिरावट के साथ वो 1482 डॉलर तक पहुंच गया है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल पहले बिटकॉइन की कीमत एक हजार डॉलर थी, जो साल खत्म होने से पहले बढ़कर करीब 20 हजार डॉलर हो गई फिर एक ही हफ्ते में इसकी कीमत सीधे 25 फीसदी गिर गई और तब चेतावनियां जारी हुईं कि ये बहुत खतरनाक गुब्बारा है, जो कभी भी पिचक सकता है.
अगर बात ऐसे समझ नहीं आई हो तो एक मिसाल से परत दर परत समझाते हैं. बिटकॉइन का शोर हाल के कुछ महीनों में अचानक काफी बढ़ा, इस शोर की जद में आकर नोएडा में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले राहुल (बदला हुआ नाम) ने बिटकॉइन में पैसे लगाने की सोची.
बचपन में पढ़ने वाली कहानियों की तरह इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है. दूसरों के अनुभव से सीखना, खुद का नुकसान करके सीखने से बेहतर है. दूसरी बात बिटकॉइन के तमाम 'जानकारों' से बचें. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बिटकॉइन की कीमत में अगस्त 2011 से हर दिन औसतन 3 फीसदी का बदलाव आया है.
मतलब हर दिन कम से कम 3 फीसदी की कमी या बढ़ोतरी. इतनी तेजी का सुकून से फायदा उठाने के लिए जरूरी है कि देश में इस पर रेगुलेशन हो. फिलहाल ऐसा नहीं है. रेगुलेटरी अथॉरिटी नहीं होने के कारण अगर आपके पैसे डूबते हैं, तो कहीं सुनवाई नहीं होगी. किसी के भरोसे में आकर पैसे लगाने से बचिए.
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