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8 मार्च को टेस्ला के बिटकॉइन में निवेश की घोषणा के 1 महीने पूरे हो गए. इस मौके पर हमने बिटकॉइन के बीते महीने की चाल समझने की कोशिश की. रिसर्च के दौरान हमने बिटकॉइन की प्रतिद्वंदी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम और NSE के इंडेक्स निफ्टी के रिटर्न को भी देखा. इससे इन विभिन्न निवेश के विकल्पों से मुनाफे के बारे में कुछ रोचक बातें सामने आई.
Bitcoin 2010 से अस्तित्व में आने के बाद से ही चर्चा का विषय रहा है. सामान्य लेनदेन की जगह निवेश के तौर पर इसका प्रचलन ज्यादा है. पिछले कुछ महीनों में बड़े निवेशकों और बिजनेस जगत की हस्तियों के इसके समर्थन में आने से इस डिजिटल मुद्रा की तरफ लोगों का ध्यान और भी बढ़ा है. 8 फरवरी को एलन मस्क की कंपनी द्वारा भरोसा जताए जाने की खबर के केवल कुछ दिनों बाद ही किसी भी नियंत्रण से मुक्त इस डिजिटल मुद्रा ने पहली बार 50,000 अमेरिकी डॉलर का भाव छू लिया था.
Bitcoin के बीते महीने में 40% उछाल के पीछे टेस्ला का निवेश अहम फैक्टर रहा है. लेकिन फरवरी से तीन महीने पहले के डाटा को परखने के बाद हमनें पाया कि इन महीनों में भी बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त तेजी रही. हालांकि 8 जनवरी से 8 फरवरी तक बिटकॉइन केवल 2.5% चढ़ा, 8 दिसंबर से 8 जनवरी तक इसकी कीमतों में 94% की बड़ी उछाल रही थी. इसी तरह नवंबर दिसंबर की 8 तारीखों के बीच इस डिजिटल मुद्रा का भाव 27% मजबूत हुआ.
फरवरी के आखिरी हफ्ते में बॉन्ड यील्ड में बड़ी तेजी के बाद अचानक बिटकॉइन के भाव में भी बड़ी कमी आई थी. 58,354 US डॉलर के स्तर पर पहुंचने के बाद एक हफ्ते में यह क्रिप्टोकरेंसी करीब 26% कमजोर हुआ. एलन मस्क ने भी इस बीच इन क्रिप्टोकरेंसी को ओवरवैल्यूड बताया था. भारत में सरकार द्वारा ऐसी मुद्राओं पर रोक को लेकर भी खबरें आती रही. मोटे तौर पर कहें तो बिटकॉइन सुर्खियों में लगातार बना हुआ है.
क्रिप्टो मार्केट में 12.5% हिस्सेदारी वाली इथेरियम (Ethereum) बिटकॉइन के बाद सर्वाधिक प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी है. डाटा रिसर्च के दौरान सामने आया कि बीते 4 महीनों में से तीन महीनों में इथेरियम ने बिटकॉइन से बेहतर रिटर्न दिया है. 8 फरवरी से अब तक इस क्रिप्टोकरेंसी का भाव 13.42% चढ़ा है. केवल इसी अवधि में इसका मुनाफा बिटकॉइन की तुलना में कम रहा है. जनवरी-फरवरी के दौरान इथेरियम के भाव में 33.60% का उछाल दर्ज किया गया. इसी तरह दिसंबर-जनवरी और नवंबर-दिसंबर की 8 तारीखों के बीच 2015 से प्रचलन में आया यह क्रिप्टोकरेंसी करीब 102% और 35% मजबूत हुआ.
क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में शेयर मार्केट से इस दौरान मिलने वाला मुनाफा काफी कम रहा है. लेकिन सामान्य तौर पर इन देखने पर नवंबर से अब तक निफ्टी का कुल 21.16% का रिटर्न काफी शानदार है. बीते 30 दिनों में निफ्टी इंडेक्स 1.05% कमजोर हुआ है. इससे पहले तीनों महीने में 50 कंपनियों के इस इंडेक्स ने 5.5%-7.5% का मुनाफा निवेशकों के लिए बनाया है. उछाल से इस दौरान निफ्टी भी लगातार नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है.
इस तरह डाटा के माध्यम से पता चला कि बीते 120 दिनों के समय में इथेरियम ने सबसे ज्यादा करीब 314% का मुनाफा दिया है. यह बिटकॉइन के 257% रिटर्न से काफी अधिक है. टेस्ला द्वारा निवेश के आभाव में यह अंतर बड़ा हो सकता था. काफी निवेशक मानते हैं कि बिटकॉइन अब अपने सही वैल्यूएशन से आगे निकल गया है. ऐसे में आने वाले समय में दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज ज्यादा रिटर्न दिला सकती हैं.
मार्केट शेयर के मामले में भी बिटकॉइन के क्रिप्टो मार्केट में कद में कमी आई है. मई 2013 में बिटकॉइन कुल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में 94% हिस्सा रखता था. नई क्रिप्टोकरेंसीज के बढ़ने से बिटकॉइन की हिस्सेदारी कम होती चली गई. 10 मार्च, 2021 को यह करीब 60.4% रह गया है.
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