advertisement
नए फाइनेंशियल इयर में इनवेस्टमेंट की बात जेहन में आते ही सेविंग्स स्कीम या इंस्ट्रूमेंट पर लगने वाले टैक्स का खयाल आ जाता है. शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव और म्यूचुअल फंड के घटते रिटर्न के दौर में टैक्स बचाने के लिहाज सबसे अच्छी स्मॉल सेविंग्स स्कीम कौन सी है. इस लिहाज से पीपीएफ अच्छा है या फिर सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम. आपको सुकन्या समृद्धि योजना में पैसा लगाना चाहिए या पोस्ट ऑफिस के पांच साल की एफडी स्कीमें चुननी चाहिए. आइए देखते हैं कौन सी स्कीम आपके लिए फायदेमंद है.
अगर आप युवा हैं तो पीपीएफ (Public Provident Fund) को अपने निवेश फोर्टफोलियो में जरूर शामिल करें. अभी भी इसमें आठ फीसदी का रिटर्न मिल रहा है (हालांकि 2019 में इसमें थोड़ी कमी आई है) जो मौजूदा माहौल में तुलनात्मक रूप से ज्यादा है. पीपीएफ का इनवेस्टमेंट पीरियड 15 साल का है पांच साल के ब्लॉक में इसे आगे तक के लिए री-न्यू किया जा सकता है.
पीपीएफ पर ब्याज हर महीने की 5 और आखिरी तारीख के बीच न्यूनतम बैलेंस पर कैलकुलेट किया जाता है. इसलिए हर महीने पांच तारीख से पहले इसमें निवेश करें ताकि आपकी पूरी एकमुश्त रकम पर सालाना ब्याज कैलकुलेट हो सके. पीपीएफ के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता.
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के माता-पिता के लिए अच्छी योजना है. दस साल से कम उम्र की बच्चियों के नाम पर यह निवेश 21 साल तक के लिए या बच्ची के 18 साल के बाद उसकी शादी तक के लिए है. हालांकि इसमें 15 साल तक ही निवेश करना होता है. लड़की के 18 साल के होने पर निवेश का 50 फीसदी तक निकाल सकते हैं. इस पर 8.5 फीसदी का ब्याज है और इस पर टैक्स नहीं लगता.
सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम 60 साल से ऊपर के निवेशकों के लिए है. इस पर 8.77 फीसदी ब्याज मिलता है जो स्मॉल सेविंग्स स्कीमों में मिलने वाली सबसे ज्यादा इंटरेस्ट रेट है. पांच साल की इस स्कीम को तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. निवेशक को इसका इंटरेस्ट हर तिमाही अदा किया जाता है. हालांकि इसके ब्याज पर टैक्स लगता है. लेकिन बुजुर्गों के लिए नियमित आय और निचले टैक्स दायरे में आने वाले सीनियर सिटिजन निवेशकों के लिए यह आदर्श योजना है.
पोस्ट ऑफिस की पांच साल की फिक्स डिपोजिट स्कीम टैक्स बचत के लिए ज्यादा मुफीद नहीं है. इसकी ब्याज दर है 7.8 फीसदी जो स्मॉल सेविंग्स स्कीमों में सबसे कम है और इसके ब्याज पर टैक्स लगता है. कम वक्त के लिए इनवेस्टमेंट करना हो तो यह स्कीम ठीक है. वरना टैक्स लगने की वजह से यह स्कीम ज्यादा आकर्षक नहीं है.
नेशल सेविंग्स सर्टिफिकेट पांच साल में मेच्योर होता है और ब्याज इसी में निवेश हो जाता है. लेकिन इसमें दोबारा निवेश होने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है. 80 C के तहत पांचवें साल ब्याज पर टैक्स लगता है. टैक्स डिडक्शन को इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना पड़ता वरना इसका फायदा नहीं मिलता. इसमें पीपीएफ के बराबर ही 8 फीसदी का ब्याज मिलता है. हालांकि निवेश की अवधि पांच साल की है, जो पीपीएफ के 15 साल की निवेश अवधि से काफी कम है. जो लोग ऊंचे टैक्स दायरे में हैं, उन्हें इनमें निवेश नहीं करना चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)