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LIC IPO: काफी लंबे इंतजार के बाद LIC का IPO आखिरकार 4 मई को खुलने जा रहा है. बुधवार को एलआईसी आईपीओ को लेकर औपचारिक घोषणा हो गई. हालांकि अब एलआईसी का आईपीओ उतना बड़ा नहीं होगा जितने पहले इसके होने की उम्मीद थी. फरवरी में सरकार द्वारा फाइल किए गए ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस के बाद से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है.
सरकार की योजना पहले आईपीओ के जरिये कंपनी में 5% हिस्सेदारी बेचने की थी. हालांकि अब सरकार ने केवल 3.5% हिस्सेदारी या 22 करोड़ इक्विटी शेयर बेचने का फैसला लिया है. सरकार ने LIC आईपीओ के वैल्यूएशन को भी घटाकर केवल 6.07 लाख करोड़ कर दिया, जोकि पहले के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 17 लाख करोड़ के वैल्यूएशन से काफी कम है.
आइये समझने की कोशिश करते हैं सरकार ने आईपीओ का आकार और वैल्यूएशन घटाना क्यों सही समझा और इस फैसले का मार्केट पर क्या असर होगा-
शॉर्ट टर्म में मार्केट के सामने रूस-यूक्रेन विवाद, विदेशी इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) द्वारा बाजार में की जा रही बिकवाली, महंगाई और ब्याज दरों में तेजी से हो सकने वाली बढ़ोतरी जैसी मुश्किलें है. ऐसे में आईपीओ को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाने के लिये सरकार ने इसके वैल्यूएशन को आधा और इश्यू के साइज को घटाने का फैसला लिया है.
CapitalVia ग्लोबल रिसर्च के एनालिस्ट अनिमेष मालवीय ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस से कहां कि- "वैल्यूएशन में कमी का प्रमुख कारण रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण बाजार में चल रही अस्थिरता है".
इससे पहले बुधवार को डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा कि बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए एलआईसी का आईपीओ सही आकार का है. उन्होंने कहा, इससे बाजार में पूंजी और मॉनेटरी सप्लाई की कमी नहीं होगी.
ऐसा आमतौर पर देखा गया है जब बाजार में बहुत बड़ा आईपीओ लॉन्च होता है तो निवेशक सेकेंडरी मार्केट में अपनी होल्डिंग को बेचकर आईपीओ में पैसा लगाते हैं. ऐसे में सरकार द्वारा आईपीओ के आकार को घटाना मार्केट के लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए कुछ हद तक सही भी है.
902-949 रुपये के प्राइस बैंड के ऊपरी हिस्से से LIC एंबेडेड वैल्यू (EV) का केवल 1.1 गुना वैल्यूएशन मांग रहा है, जो एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के 4.05 गुना, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के 3.10 गुना और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ के 2.5 गुना से कम है.
बता दें एंबेडेड वैल्यू (EV) इंश्योरेंस कंपनी के नेट एसेट वैल्यू और भविष्य के मुनाफे के वर्तमान मूल्य का योग है. एंबेडेड मूल्य का इस्तेमाल इंश्योरेंस कंपनियों के वैल्यूएशन को निकालने के लिए किया जाता है.
एक्सिस सिक्योरिटीज के गोपकुमार ने कहा कि एलआईसी के आईपीओ में खुदरा निवेशकों की काफी दिलचस्पी है. उन्होंने कहा कि उनकी ब्रोकरेज ने पिछले महीने अकेले आईपीओ के लिए लगभग 45,000 खाते खोले. इनमें से 40 प्रतिशत ग्राहक बाजार में नए आए हैं. उन्होंने एलआईसी के शेयर पर अपनी सकारात्मक राय देते हुए कहा कि-
पेटीएम मनी के सीईओ वरुण श्रीधर का मानना है मई में रिकॉर्ड डीमैट खाते की ओपनिंग हो सकती है. यह भारतीय स्टॉक मार्कर के लिए एक माइलस्टोन है और इस इश्यू के कारण लाखों नए निवेशकों के मार्केट में आने की उम्मीद है. एलआईसी ने दशकों से आम आदमी के साथ जो विश्वास बनाया है, उसे देखते हुए, टियर 2 और 3 शहरों से निवेशकों के मार्केट में आने की उम्मीद है.
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