advertisement
फिनटेक कंपनी पेटीएम के बोर्ड ने कंपनी के IPO के लिए बीते महीने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी थी. अब कंपनी ने पब्लिक इशू लाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने IPO से पहले इम्प्लॉई से इशू के दौरान उनके शेयरों की बिक्री को लेकर फैसला मांगा है. आइए समझते हैं इस कदम के पीछे की जरूरत और संबंधित पहलुओं को-
ब्लूमबर्ग न्यूज की खबर के अनुसार सोमवार को PayTM ने अपने इम्प्लॉई को 'ऑफर फॉर सेल' भेजा है. कंपनी के शेयरहोल्डर इम्प्लॉई को IPO के माध्यम से उनके शेयरों की बिक्री का रास्ता दिया है. इस रास्ते इम्प्लॉई अपने सारे या कुछ इक्विटी शेयरों को बेचने का फैसला ले सकते हैं. इसके SEBI के साथ प्रॉस्पेक्टस फाइल करने से पहले फैसला लिया जाना है. नोटिस के अनुसार जो इक्विटी शेयर इस दौरान नहीं बेचे जाएंगे उन पर एक साल का लॉक इन पीरियड लागू होगा.
किसी भी कंपनी के IPO के दौरान बिक्री के लिए लाए जाने वाले शेयर नए जारी किए हुए हो सकते हैं या वर्तमान शेयरधारकों के ऑफर फॉर सेल (OFS) के होते हैं. ऑफर फॉर सेल प्रक्रिया के अंतर्गत शेयरहोल्डर कंपनी में अपने शेयर को बेच सकता है. इन शेयरों की बिक्री से जुटाई गई पूरी राशि शेयरहोल्डर को जाती है. IPO के दौरान OFS माध्यम से शेयरों को बाजार में लाना काफी आम बात है.
SEBI के नियमों के अनुसार किसी भी कंपनी को कम से कम 10% शेयर इशू के बाजार में आने के दो वर्षों के भीतर लाना होता है. 5 वर्षों के भीतर इसका 25% होना जरूरी है. ऑफर फॉर सेल के अंतर्गत शेयरों की बिक्री पेटीएम को इस रेगुलेशन का पालन करने में मदद करेगी.
उम्मीद की जा रही है कि PayTM का IPO सितंबर से दिसंबर के बीच आ सकता है. कुछ रिपोर्ट के अनुसार नवंबर में कंपनी शेयर बाजार में उतर सकती है. PayTM के इस IPO का कुल आकार करीब 22,000 करोड़ होने की उम्मीद है. कोल इंडिया के 2010 में आए 15,200 करोड़ के IPO के बाद भारतीय शेयर बाजार में किसी भी कंपनी का यह सबसे बड़ा इशू हो सकता है. कंपनी अपने लिए 2 लाख करोड़ के आसपास वैल्यूएशन की उम्मीद कर रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)