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फिनटेक कंपनी Paytm का आने वाला IPO भारतीय शेयर बाजार का अब तक का सबसे बड़ा इशू हो सकता है. ऐसे में स्वाभाविक तौर पर निवेशकों के मन में इस पब्लिक ऑफर में लेकर कई सवाल है. आइए नजर डालते हैं कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और अन्य अहम कारकों पर जो इन्वेस्टर्स के लिए सही निवेश के निर्णय लेने में सहायक हो सकते हैं.
कंपनी के मर्चेंट ग्राहकों और यूजरबेस दोनों में ही बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2017-18 में 200 मिलियन का यूजरबेस 2019-20 में 300 मिलियन तक पहुंच गया. 2020-21 के अंत में यह 350 मिलियन रहा. इन वर्षों में प्लेटफार्म पर मर्चेंट की संख्या भी 7 मिलियन से 20 मिलियन तक पहुंच गई. 2017-18 से 2020-21 के दौरान ही मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 27 मिलियन से दोगुना होते हुए करीब 52 मिलियन हो गई.
आखिरी कुछ वर्षों में Paytm की तरफ से लॉस कम करने की दिशा में कुछ कदम उठाए गए hai. वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का रेवेन्यू ₹3540 करोड़ जबकि नेट लॉस ₹2942 करोड़ रहा था. वित्त वर्ष 2018-19 में रेवेन्यू ₹3391 करोड़ और नेट लॉस ₹3959 करोड़ रहा था. वित्त वर्ष 2020-21 में रेवेन्यू 3186 करोड़ जबकि नेट लॉस 1701 करोड़ रहा.
27 मई को प्रकाशित बर्न्सटाइन (Bernstein) रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 तक पेटीएम का रेवेन्यू दोगुना होते हुए ₹7000 करोड़ तक पहुंच सकता है. कुल रेवेन्यू में नॉन-पेमेंट सेगमेंट का योगदान 33% तक हो सकता है.
हालांकि की कंपनी ने खुद के बिजनेस को पेमेंट्स से डाइवर्सिफाई करने की कोशिश की है, यह देखना होगा की Paytm इन क्षेत्रों में कितना सफल हो पाता है. साथ ही शेयर के वैल्यूएशन पर भी निवेशकों की नजर होगी.
पेमेंट गेटवे और विभिन्न भुगतान संबंधी सेवाओं, इ-कॉमर्स, के अलावा हाल में कंपनी ने PayTM मनी जैसे नए कदमों से फाइनेंस स्पेस में कदम मजबूत किया है. PayTM पहले से ही पेमेंट बैंक चलाती है.
PayTM के IPO का कुल आकार करीब 22,000 करोड़ होने की उम्मीद है. इसमें से 12000 करोड़ के शेयर फ्रेश इशू के होंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर में PayTM का इशू शेयर बाजार में उतर सकता है.
IPO की खबर ने ग्रे मार्केट में कंपनी की कीमत को ₹12,000 के ₹22,000 तक पहुंचा दिया है. ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयरों के लिए अच्छे माहौल से PayTM के शेयर बाजार में भी अच्छी लिस्टिंग की उम्मीद की जा रही है.
PayTM के वर्तमान निवेशकों में चीन की अलीबाबा ग्रुप, सॉफ्टबैंक, सैफ पार्टनर्स, AGH होल्डिंग, वारेन बफे की बर्कशायर हैथवे, इत्यादि जैसे बड़े निवेशक शामिल हैं.
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