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लॉकडाउन में इनकम डाउन? बैंक में जमा पैसे पर घट सकता है ब्याज

जिन लोगों ने फिक्स डिपॉजिट या सेविंग में पैसा जमा किया हुआ है. उनको बैंकों से मिलने वाला ब्याज कम हो सकता है

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मोरेटोरियम लोन पेमेंट को टालना होता है. ये लोन का खत्म हो जाना नहीं होता है
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मोरेटोरियम लोन पेमेंट को टालना होता है. ये लोन का खत्म हो जाना नहीं होता है
(फोटो: कामरान अख्तर/क्विंट)  

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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 22 मई को पॉलिसी रेट में कटौती की है. रेपो रेट 40 बेसिस पॉइन्ट घटकर 4% पर आ गया है. जिन लोगों ने कर्ज लिया हुआ है उन्हें तो इस फैसले से फायदा होगा. खासकर वो लोग जिन्होंने अपना कर्ज रेपो रेट से लिंक कराया हुआ है. लेकिन जिन लोगों ने फिक्स डिपॉजिट या सेविंग में पैसा जमा किया हुआ है, उनको बैंकों से मिलने वाला ब्याज कम हो सकता है.

इसके पहले RBI ने मार्च में भी रेपो रेट में कटौती की थी. लॉकडाउन जब से लगा है तब से अब तक रेपो रेट में 115 प्वाइंट की कटौती की गई है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके इसे 4.4 % से 4% किया गया है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 % रहेगा. RBI ने ये फैसला कर्ज को सस्ता बनाने के लिए किया है जिससे लोग कर्ज लें और उत्पादन की गतिविधि शुरू हो सके.

फिक्स डिपॉजिट पर रिटर्न घटेगा?

जिन लोगों ने बैंकों में फिक्स डिपॉजिट करके रखा हुआ है उनको RBI का ये फैसला दुखी कर सकता है. ऐसे लोग जो फिक्स डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज पर ही निर्भर है जैसे वृद्ध लोग उनको आने वाले दिनों में कम रिटर्न मिल सकता है. RBI ने जब पिछली बार रेपो रेट में कटौती की थी तो बैंकों ने डिपॉजिट रेट में करीब आधा परसेंट की कटौती थी.  फिलहाल सीनियर सिटीजन के लिए SBI में फिक्स डिपॉजिट पर 5.50% ब्याज मिलता है, वहीं आम लोगों को 5% ब्याज मिलता है. एक साल से ज्यादा के का फिक्स डिपॉजिट करने पर ज्यादा रेट पर ब्याज मिलता है..

नया कर्ज लेने वाला कौन?

एक तरफ तो लोगों को जमा पर कम ब्याज का डर, दूसरी तरफ कितने लोग सस्ते कर्ज का फायदा उठाएंगे ये भी सवाल है. कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बाद नया लोन कौन लेना चाहेगा ये सबसे बड़ा सवाल है. दुकानों पर ग्राहक नहीं है, लोगों की नौकरियां जा रही है, सैलरी में कटौती हो रही है मतलब डिमांड जबरदस्त तरीके से गिरी है. इन परिस्थितियों में लोन लेकर बिजनेस शुरू करने के बारे में कोई नहीं सोच रहा है. रेपो रेट घटने से नया लोन लेने की तादाद बढ़ेगी ये मुश्किल लग रहा है.

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