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RBI ने किया इशारा, कभी भी फूट सकता है शेयर बाजार का गुब्बारा

RBI ने अपनी रिपोर्ट में बाजार के चढ़ने के पीछे के कारणों को भी समझना चाहा है.

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भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में शेयर बाजार के ओवरवैल्यूएशन के स्पष्ट संकेत दिए हैं. कोविड के बावजूद मार्केट में तेजी को लेकर कई जानकार पहले से ही इसकी बात कर रहे थे. अब RBI के ऐसा कहने पर निवेशकों में संशय का माहौल है. आइए समझते हैं आखिर RBI ने कहा क्या है और अब क्या करे निवेशक?

आर्थिक स्थिति बेकार, फिर भी चमक रहा बाजार-

कोविड लॉकडाउन के कारण भारत समेत पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा. वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक गतिविधियों में कमी से देश की GDP में करीब 8% की कमी आई थी. RBI ने इसका ही जिक्र करते हुए कहा कि GDP में गिरावट के बावजूद एसेट प्राइस इन्फ्लेशन बबल की संभावना को बताता है. एसेट प्राइस इन्फ्लेशन फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स जैसे बॉन्ड, इक्विटी शेयर, इत्यादि की कीमतों में उछाल को कहा जाता है.

यह भी ध्यान में रखने वाली बात है कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के बाजारों में कोविड के बाद बड़ी तेजी देखी गई है. RBI ने रिपोर्ट में BSE सेंसेक्स की तेजी का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा कि 21 जनवरी को सेंसेक्स ने 50,000 का स्तर छूने के बाद 15 फरवरी को 52,154 का शिखर बनाया. यह नेशनल लॉकडाउन से पहले के स्तर से 100.7% की उछाल है और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 68% की तेजी है.

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इन कारणों से चढ़ रहा मार्केट

RBI की इस रिपोर्ट के मुताबिक तीन चीजों ने बाजार की तेजी में भूमिका निभाई है. इसमे फॉरेन पोर्टफोलियो निवेश और मनी सप्लाई मार्केट में उछाल की सबसे अहम वजह रहे हैं. इकनॉमिक रिकवरी ने भी बाजार में योगदान दिया है लेकिन केंद्रीय बैंक के अनुसार पहले दो कारणों का सबसे ज्यादा महत्व रहा.

क्या पॉजिटिव, क्या नेगेटिव?

RBI ने अपनी रिपोर्ट में बाजार के चढ़ने के पीछे के कारणों को भी समझना चाहा है. स्टडी में बताया गया कि मार्केट की वर्तमान स्थिति के कुछ पहलुओं को ठीक से समझा जा सकता है. जैसे सेंसेक्स में उछाल के पीछे कॉर्पोरेट अरनिंग्स का अच्छा योगदान है.

लेकिन कुछ पहलुओं से रिपोर्ट के मुताबिक बाजार में ओवर वैल्यूएशन स्पष्ट भी है.

"लांग टर्म ट्रेंड से वास्तविक P/E का हटना बताता है कि यह रेश्यो ओवरवैल्यूड है. डिविडेंड यील्ड संबंधी कारकों से भी मार्केट के ओवरप्राइस होने के संकेत मिलते हैं."
RBI वार्षिक रिपोर्ट, 2020-21

निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?

बाजार में बुलिश सेंटीमेंट के बावजूद निवेशकों को पूरी सावधानी के साथ सूझबूझ से व्यापार करना चाहिए. अगर हालात जल्दी सामान्य नहीं हुए तो आने वाले दिनों में विदेशी निवेशकों द्वारा और भी बड़ी बिकवाली देखी जा सकती है. शॉर्ट टर्म में मुनाफे की दृष्टि से नए निवेश से इन्वेस्टर्स को बचना चाहिए. अच्छे वर्तमान होल्डिंग को लंबे समय में रिटर्न के लिए रखा जा सकता है. अब चूंकि बाजार अच्छे स्तर पर है, पैसे की जरूरत वाले निवेशक प्रॉफिट बुकिंग भी करने पर विचार कर सकते हैं.

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