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अडानी ग्रुप के मुंबई एयरपोर्ट टेकओवर करने की कोशिश में आई ‘अड़चन’

अडानी ग्रुप मेजोरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए GVK ग्रुप से बातचीत कर रहा है

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अडानी ग्रुप मेजोरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए GVK ग्रुप से बातचीत कर रहा है
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अडानी ग्रुप मेजोरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए GVK ग्रुप से बातचीत कर रहा है
(फाइल फोटो: PTI) 

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अडानी ग्रुप के मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) में मेजोरिटी हिस्सेदारी खरीदने की योजना में अड़चन आ गई है. वैश्विक निवेशक अबु धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और कनाडा के पब्लिक सेक्टर पेंशन (PSP) इंवेस्टमेंट ने केंद्र सरकार को इस मामले में खत लिखा है. MIAL मुंबई एयरपोर्ट का संचालन करती है और इसमें GVK ग्रुप मेजोरिटी शेयरहोल्डर है. अडानी ग्रुप इसी मेजोरिटी हिस्सेदारी को खरीदने के लिए GVK ग्रुप से बातचीत कर रहा है.

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि ADIA और PSP ने प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय को खत लिखा है. रिपोर्ट में इस मामले की जानकारी रखने वाले कई सूत्रों के हवाले से बताया गया कि ADIA और PSP ने सरकारी अधिकारियों से जल्दी एक बैठक की मांग की है.

आपत्ति क्या है?

ADIA और PSP ने दावा किया है कि अगर GVK और अडानी ग्रुप के बीच डील होती है, तो ये उनके साथ हुए पिछले एग्रीमेंट का उल्लंघन होगा. दोनों निवेशकों ने बताया कि नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) के साथ उनके एक इंवेस्टर कंसोर्टियम ने अक्टूबर 2019 में GVK ग्रुप में मेजोरिटी हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दी थी.

अक्टूबर 2019 में दी गई इस मंजूरी के मुताबिक, कंसोर्टियम GVK ग्रुप की GVK एयरपोर्ट होल्डिंग्स में 79 फीसदी शेयर 7,614 खरीदते. यही कंपनी MIAL में सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है और देश के दूसरे सबसे बिजी एयरपोर्ट का संचालन करती है. हालांकि, ये डील कानूनी प्रक्रियाओं की वजह से अटक गई थी.  

खत तब भेजा गया, जब एक इंवेस्टर कंसोर्टियम ने GVK ग्रुप को अडानी ग्रुप से एक डील की संभावना तलाशने की इजाजत दी. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ADIA और PSP का कहना है कि उनके पास 31 जनवरी 2021 तक 'डील एक्सक्लूसिविटी' है. ऐसे में दोनों निवेशकों ने आरोप लगाया है कि डील के लिए नए पार्टनर से बातचीत कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन है.

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GVK और अडानी ग्रुप की बातचीत

रिपोर्ट का कहना है कि अडानी ग्रुप ने MIAL में GVK ग्रुप की 50.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा अडानी ग्रुप माइनॉरिटी पार्टनर एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका (ACSA) और Bidvest ग्रुप की 23.5 फीसदी हिस्सेदारी भी खरीदना चाहता है. इस डील के बाद MIAL में 74 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ अडानी ग्रुप सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर होगा.

अगर ये डील हो जाती है तो अडानी ग्रुप देश में GMR ग्रुप के बाद सबसे बड़ा प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर बन जाएगा. ये डील अडानी ग्रुप को आने वाले नवी मुंबई एयरपोर्ट का मालिकाना हक भी देगी क्योंकि इस एयरपोर्ट में MIAL की 74 फीसदी हिस्सेदारी है.  

हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट अडानी ग्रुप को लीज पर देने का ऐलान किया था. पिछले साल ग्रुप इनकी बोली जीता था.

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