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AGR ड्यूज की वसूली बढ़ा देगी आपका मोबाइल बिल,10 प्वाइंट में समझें.

टेलीकॉम कंपनियों की ओर से 1.5  लाख करोड़ रु. न चुकाने से सुप्रीम कोर्ट नाराज है इसकी गाज मोबाइल ग्राहकों पर गिरेगी

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बिजनेस
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AGR पर टेलीकॉम कंपनियों की याचिका खारिज होने के बाद ग्राहकों पर बोझ बढ़ना तय 
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AGR पर टेलीकॉम कंपनियों की याचिका खारिज होने के बाद ग्राहकों पर बोझ बढ़ना तय 
(फोटो Altered by quint hindi)

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बकाया एजीआर न चुकाने पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारती एयरटेल, वोडाफोन समेत तमाम टेलीकॉम कंपनियों में खलबली मची हुई है. अदालत ने शुक्रवार को देर रात तक उन्हें बकाया चुकाने को कहा था. इसके बाद एयरटेल ने 10 हजार करोड़ रुपये चुकाने का वादा किया तो वोडाफोन आइडिया ने अपनी बोर्ड बैठक बुला ली. फिलहाल टेलीकॉम कंपनियां दबाव में हैं और कंज्यूमर्स को टैरिफ महंगा होने का डर सता रहा है. आइए जानते हैं AGR मुद्दे से जुड़ी दस बातें. आखिर क्यों ये मुद्दा इतना गर्मा गया है.

  1. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियां शुक्रवार (14 फरवरी, 2020) के रात 11.59 बजे तक एजीआर ड्यूज जमा कर दे. सरकार ने 23 जनवरी के अपने उस आदेश को वापस ले लिया था, जिसमें डेडलाइन तक पैसा जमा नहीं किए जाने पर कार्रवाई की बात थी.
  2. अदालत की फटकार के बाद एयरटेल ने कहा कि वह 20 फरवरी तक 10 हजार करोड़ रुपये तक चुका देगी.एयरटेल ने कहा कि 10 हजार करोड़ 20 फरवरी तक चुकाने के बाद हम बाकी रकम सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होने से पहले दे देंगे. एजीआर की गणना लंबी प्रक्रिया है और इसलिए हमें थोड़ा समय चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ही टेलीकॉम कंपनियों को बकाया न चुकाने पर फटकारा था और कहा था कि डॉट के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
  3. सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में 24 अक्टूबर को आदेश दिया था कि टेलीकॉम कंपनियां 23 जनवरी तक बकाया राशि जमा करें. कंपनियों ने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. इसके बाद भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और टाटा टेली ने भुगतान के लिए ज्यादा वक्त मांगते हुए नया शेड्यूल तय करने की अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इसे भी खारिज कर दिया.
  4. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद टेलीकॉम कंपनियों के बीच हड़कंप मच गया है. वोडाफोन आइडिया के सामने बंदी की नौबत आ गई है. हालात का जायजा लेने के लिए शनिवार को वोडाफोन आइडिया अपने बोर्ड की बैठक कर रहा है. वोडाफोन पर 40 हजार करोड़ रुपये का बकाया है. वोडाफोन ने सरकार से 7000 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड मांगा था.
  5. टेलीकॉम कंपनियों दिसंबर में टैरिफ बढ़ा चुकी हैं. अगर उन्हें पूरा एजीआर ड्यूज चुकाना पड़ा तो आने वाले वक्त में मोबाइल कॉल और डाटा दरें 20 से 25 फीसदी बढ़ सकती हैं. दिसंबर में एयरटेल और रिलायंस ने अपनी डेटा और कॉल दरें बढ़ा दी थीं. बाद में वोडाफोन के भी टैरिफ बढ़ गए थे.
  6. एजीआर पर कोर्ट के फैसले के बाद टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. शाम को वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर से मुलाकात कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नतीजों बारे में बातचीत की. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि अगर कोर्ट ने एजीआर ड्यूज पर कोई नरमी नहीं दिखाई तो वोडाफोन आइडिया बंद हो सकती है.
  7. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से टेलीकॉम इंडस्ट्री की स्थिति खराब हो जाएगी. वोडाफोन-आइडिया की मुश्किलें सबसे ज्यादा बढ़ी हुई दिख रही है. अभी भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया दोनों भारी दबाव में हैं. हालांकि पिछले दिनों टैरिफ बढ़ने से इन्हें कुछ राहत मिली है लेकिन एजीआर ड्यूज काफी ज्यादा है. अगर इसकी वसूली हुई तो इनका बैलेंसशीट बिल्कुल बिगड़ सकता है.
  8. डेडलाइन खत्म हो जाने के बाद भी AGR और बकाया भुगतान न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया समेत सभी टेलीकॉम कंपनियों को जमकर फटकारा था . कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला क्यों न चलाया जाए.
  9. जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने कहा था टेलीकॉम कंपनियां अदालत के निर्देशों का सम्मान नहीं कर रही हैं. इस मामले में रिव्यू पीटिशन खारिज होने के बावजूद कंपनियों ने अपना बकाया नहीं जमा कराया है.
  10. सर्वोच्च अदालत ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को अपना AGR (Adjusted gross revenue) 17 मार्च तक जमा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उस दिन इन कंपनियों और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन यानी DOT के अफसरों को भी अदालत में हाजिर रहने को कहा है.
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