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एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है उससे टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आईडिया को झटका लगने वाला है लेकिन कंपनी की सर्वाइव करने की उम्मीद अभी बची हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों को अपने बकाया एजीआर को जमा करने के लिए 10 साल का वक्त दिया है. साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को अपने बकाए का 10% पैसा 31 मार्च 2021 तक जमा करना होगा. 10 साल के इस पीरियड में टेलीकॉम कंपनियां किस्तों में अपना बकाया जमा कर सकती हैं. हालांकि इस योजना की अभी पूरी डिटेलिंग नहीं आई है.
टेलीकॉम कंपनियां अपना AGR बकाया कैसे चुकाएंगी इसकी अभी पूरी डिटेल नहीं आई है लेकिन ये साफ है कि लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि वोडाफोन-आईडिया को अब अच्छी तादाद में इक्विटी इन्फ्यूजन मतलब पूंजी डाले जाने की जरूरत है. इसके अलावा भी कंपनी को सरकार से आगे आने वाले स्पेक्ट्रम लाइबिलिटी में छूट की जरूरत होगी.
वोडाफोन आईडिया पर अभी टेलीकॉम विभाग का 58,200 करोड़ रुपये का बकाया है. ये सभी टेलीकॉम कंपनियों में सबसे ज्यादा है. अभी तक वोडाफोन इसमें से सिर्फ 7900 करोड़ रुपये का ही भुगतान कर सकी है. सरकारी अनुमान के मुताबिक भारती एयरटेल को 43,780 करोड़ रुपये का AGR भुगतान करना है. इसमें से एयरटेल ने 43,480 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है.
वोडाफोन आईडिया का वर्तमान हालत की बात करें तो कंपनी का सालाना कमाई (EBITDA) 6,100 करोड़ रुपये है, कंपनी अगर कुछ कोशिशें करती है तो इसमें 10,000 करोड़ रुपये का इजाफा किया जा सकता है. करीब इतना ही पैसा ड्यूज को चुकाने के लिए चाहिए होगा.
जेफेरीज के एनालिस्ट का कहना है कि अगर वोडाफोन आईडिया को अपना AGR बकाया चुकाना है तो उसे अपने टैरिफ में करीब 27% का इजाफा करना होगा.
हालांकि कंपनी के पास एक विकल्प ये भी है कि वो अपने कुछ फाइबर एसेट बेचकर और उसके बकाए की वसूली करके बकाया चुका सकती है. लेकिन ये सब करने के बाद भी कंपनी के पास निवेश के लिए उतना पैसा नहीं होगा जितना भारतीय टेलीकॉम मार्केट में बने रहने के लिए जरूरी है.
दूसरी तरफ भारती एयरटेल कंपनी वोडाफोन आईडिया से काफी बेहतर स्थिति में है. ये बात सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कंपनी के शेयर में आए उछाल से भी पता चलता है. कंपनी का शेयर करीब 7% भागा.
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के मुताबिक जून तिमाही में वोडाफोन आईडिया रेवेन्यू मार्केट शेयर में 5.8 परसेंटेज पॉइंट नीचे आ गया है. कुल मिलाकर कंपनी को अब कंपनी कैसे सर्वाइव करेगी इसकी पुख्ता योजना बनानी है. आने वाले दिनों में कंपनी अपना मार्केट शेयर गंवाती है या फिर आगे बढ़ने के लिए फंड जुटाती है.
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