Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019दूसरी पोंजी स्कीम जैसा ही था ‘सोशल ट्रेड’ घोटाला?

दूसरी पोंजी स्कीम जैसा ही था ‘सोशल ट्रेड’ घोटाला?

पोंजी स्कीम में आपको भारी रिटर्न के नाम पर निवेश करने को कहा जाता है, मित्तल की कंपनी कुछ ऐसा ही कर रही थी.

द क्विंट
बिजनेस
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(Photo: Liju Joseph/The Quint)
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(Photo: Liju Joseph/The Quint)
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नोएडा में 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मामला कई दिनों से सुर्खियों में है. आरोप है कि एब्‍लेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 'सोशल ट्रेड' नाम के वेब पोर्टल के जरिए ये ठगी की.

इस केस में कंपनी का मालिक अनुभव मित्तल गिरफ्तार किया जा चुका है. फेसबुक पर लाइक के बदले पैसे देने के नाम पर कंपनी लोगों को अपने जाल में फंसाती थी.

'सोशल ट्रेड' पोंजी स्कीम है क्या?

इसका पता लगाने के लिए द क्विंट ने कंपनी के सर्विस एग्रिमेंट्स का विश्लेषण किया. 'सोशल ट्रेड' अपने यूजर्स को 4 तरह के पैकेज देती थी.

हर पैकेज में 1 फेसबुक लाइक पर 5 रुपये दिए जाते थे. सबसे महंगा पैकेज 57,250 रुपये का था जिसमें 5 हजार लाइक्स करने होते थे. यूजर्स को इसके लिए 100 लिंक्स भी दिए जाते थे.

कंपनी के पेमेंट का तरीका देखें तो उस हिसाब से सालभर में टैक्स देने के बाद भी यूजर 90 हजार की कमाई कर सकता था. यानी जितने रुपये में पैकेज खरीदा गया उससे कहीं ज्यादा का भुगतान यूजर्स को मिलता था. खास बात ये है कि अगर कोई यूजर दो दूसरे यूजर्स को भी कंपनी से जोड़ता है, तो उसे हर रोज दोगुने लिंक्स क्लिक करने को मिलते थे. मतलब और कमाई.

दरअसल, पोंजी स्कीम का मतलब है कि ऐसा कारोबार, जिसमें आपको भारी रिटर्न के नाम पर इन्वेस्ट करने को कहा जाए. वास्तव में ऐसे कारोबारों का अपना कोई निजी काम नहीं होता है. स्कीम में एक निवेशक का पैसा दूसरे निवेशक को ही दे दिया जाता है और अंत में कभी ना कभी स्कीम बंद हो जाती है.
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इस लिहाज से मित्तल की कंपनी पोंजी स्कीम से ही चलती नजर आ रही है. ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को यूपी एसटीएफ एसपी अमित पाठक ने एक इंटरव्यू में बताया

अनुभव मित्तल की कंपनी खुद कोई कारोबार नहीं करती. साथ ही कंपनी किसी भी इन्वेस्टमेंट से कोई मुनाफा भी नहीं कमा रही है. कंपनी फ्रॉड तरीके से पैसे जमा कर रही थी. पहले मित्तल निवेशकों को हर रोज भुगतान किया करता था. बाद में उसने हफ्ते में भुगतान करना शुरू कर दिया.

साइबर मामलों के जानकार पवन दुग्गल भी इसी बात की तस्दीक करते हैं

मेरे हिसाब से सोशल ट्रेड एक पोंजी स्कीम कंपनी है, जिसका किसी दूसरे कंपनी के साथ कोई करार नहीं था. पैसे ABC से लिए जा रहे थे और XYZ को दिए जा रहे थे.
एक बात तो साफ है कि मित्तल की कंपनी का मॉडल पोंजी स्कीम जैसा ही है. निवेशकों से बात करने पर ये बात और भी पुख्ता हो जाती है. आपको बता दें कि कंपनी ने अपने सर्विस एग्रिमेंट में कई बातें जाहिर नहीं की हैं. मामले में किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले पुलिस की जांच का इंतजार करना होगा.

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Published: 17 Feb 2017,04:16 PM IST

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