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देश भर के व्यापारी शुक्रवार को करेंगे हड़ताल

‘सभी राज्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं टैक्स अधिवक्ता के संगठन भी बंद को समर्थन देंगे.’

आईएएनएस
बिजनेस
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‘सभी राज्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं टैक्स अधिवक्ता के संगठन भी बंद को समर्थन देंगे.’
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‘सभी राज्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं टैक्स अधिवक्ता के संगठन भी बंद को समर्थन देंगे.’
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी (GST) नियमों में हाल ही में किये गए कुछ संशोधन तथा ई-कॉमर्स व्यापार (E-Commerce) में विदेशी कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए शुक्रवार को एक दिन के हड़ताल का आह्वान किया है. एक बयान में कैट ने कहा है कि देश भर में सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियां शुक्रवार को बंद रहेंगी. इसके अलावा उसने कहा कि लघु उद्योग, हॉकर्स, महिला उद्यमी, स्वयं उद्यमियों एवं व्यापार से जुड़े अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठन भी व्यापार बंद को अपना समर्थन देंगे.

बयान में कहा गया है कि सभी राज्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं टैक्स अधिवक्ता के संगठन भी बंद को समर्थन देंगे.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सहित देश भर में सभी राज्यों के लगभग 1500 छोटे-बड़े संगठन शुक्रवार को धरना देंगे.

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि 22 दिसंबर और उसके बाद जीएसटी नियमों में एकतरफा अनेक संशोधन किये गए जिनको लेकर देश भर के व्यापारियों में बड़ा गुस्सा है. इन संशोधनों द्वारा कर अधिकारियों को असीमित अधिकार दिए गए हैं जिनमें विशेष तौर पर अब कोई भी अधिकारी अपने विवेक के अनुसार कोई भी कारण से किसी भी व्यापारी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर ससपेंड कर सकता है.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के नियमों से न केवल भ्रष्टाचार बढ़ेगा बल्कि अधिकारी किसी भी व्यापारी को प्रताड़ित कर सकेंगे.

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि इसी प्रकार जिस तरह से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां अपने मनमाने तरीके से ई-कॉमर्स के कानून एवं नीतियों का उल्लंघन कर रही है उसको रोकने के लिए सरकार को शीघ्र ही एफडीआई पॉलिसी में नया प्रेस नोट जारी करना चाहिए और कानून का उल्लंघन करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

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