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अमेरिकी प्लेन कंपनी बोइंग फिर विवादों में है. अपने 737 मैक्स विमानों को लेकर आलोचना झेल रही बोइंग ने अपने कर्मचारियों की आपसी बातचीत सार्वजनिक की है जिसमें वे 737 मैक्स को अनुमति देने को लेकर भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को 'बेवकूफ' और 'मूर्ख' बता रहे हैं . हालांकि मामला सामने आने के बाद बोइंग ने डीजीसीए से माफी मांग ली.
बोइंग की तरफ से अमेरिकी एविएशन नियामक एजेंसी 'फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन' (एफएए) को सौंपे गए इंटरनल इनवेस्टिगेशन डॉक्यूमेंट से इस बात का खुलासा हुआ है. पिछले दिनों इन्हें सार्वजिनक किया गया था.
इस डॉक्यूमेंट में बोइंग के अधिकारियों की फोन पर बातचीत के अंश हैं. इसमें बोइंग का एक अधिकारी कह रहा है कि अगर बेवकूफ कोई शब्द है तो भारत का डीजीसीए इससे भी खराब है. एक दूसरी बातचीत में एक अधिकारी कह रहा है- मैंने बड़ी आसानी से इन मूर्खों को उलझा दिया. मैं जब भी इनसे से बात करूं, तो मुझे 1000 डॉलर ज्यादा दिए जाने चाहिए. दस्तावेज में डीजीसीए के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है.
मामला सामने आने के बाद बोइंग इंडिया की ओर से कहा गया कि यह बातचीत कंपनी के विचारों के मुताबिक नहीं है. यह कंपनी के मूल्यों के खिलाफ है और किसी भी तरह से मंजूर नहीं है. इस बातचीत के लिए कंपनी को अफसोस है.कंपनी ने कहा हम डीजीसीए, स्पाइसजेट और इन विमानों से यात्रा करने वाले नागरिकों से माफी मांगते हैं. कंपनी ने कहा कि उसने कंपनी में काम करने के तरीकों को बेहतर बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं.
2017 में डीजीसीए ने यह जानना चाहा था कि क्या भारतीय एयरस्पेस में 737 मैक्स विमानों को उड़ाने के लिए पायलटों को सिम्यूलेटर बेस्ड ट्रेनिंग की जरूरत है. 2019 में मैक्स विमानों के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने के मामलों के बाद भारत में इन पर बैन लग गया था. उस वक्त डीजीसीए ने कहा था कि 737 मैक्स विमानों को उड़ाने के लिए पायलटों को सिम्यूलेटर बेस्ड टेस्ट में पास होना जरूरी है तभी इन्हें हरी झंडी दी जाएगी.
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