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भारत में परंपरा के अनुसार बजट सत्र से पहले हलवा सेरेमनी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है. ऐसे में गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को हलवा खिलाकर बजट प्रक्रिया की शुरुआत की. इस मौके पर मंत्रालय के तमाम वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.
बजट बनाने के काम में लगे अधिकारी और कर्मचारी हलवा सेरेमनी के साथ ही बजट बनाने के काम में जुट जाते हैं और ये तमाम लोग और वित्त मंत्रालय के 100 अधिकारी बजट पेश होने तक नजरबंद कर दिए जाते हैं. बजट पेश होने तक ये लोग घर-परिवार और समाज से कटे रहते हैं. उनके पास केवल एक फोन होता है जिसके जरिए वे केवल कॉल रिसीव कर सकते हैं, मगर कहीं कॉल कर नहीं सकते हैं. बजट पत्र वित्त मंत्रालय के निजी प्रेस में छपते हैं.
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जब बजट का प्रारूप तैयार हो जाता है और छपाई के लिए उसे भेजा जाता है, तो छपाई का काम शुरु होने से पहले ही यह हलवा बनाने की रस्म पूरी की जाती है. सभी अधिकारी बजट का फाइनल काम शुरु होने से पहले इसका उत्सव मनाते हैं. इन अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है.
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