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दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन कंपिटीशन से निपटने का अनोखा तरीका अपनाने की जुगत में है. खबर है कि वो भारत में अपने सबसे बड़े कंपिटीटर फ्लिपकार्ट को ही खरीदने का ऑफर देने जा रही है.
यानी मकसद है कि फ्लिपकार्ट को ही अपना बना लो. जब अमेजन बन जाएगी तो फिर काहे का कंपिटीशन.
असल में अमेरिका में अमेजन की सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी वॉलमार्ट भारत में भी उतरना चाहती है. वॉलमार्ट ने इसके लिए फ्लिपकार्ट को खरीदने का ऑफर दिया है, सौदे के बारे में बातचीत अंतिम चरण में है.
रॉयटर्स के मुताबिक फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट 40 परसेंट हिस्सेदारी खरीद सकती है. हालांकि दूसरे सूत्र कहते हैं कि सौदा 55 परसेंट तक जा सकता है.
रॉयटर्स ने मिंट के हवाले से बताया कि अगर 55 परसेंट हिस्सेदारी का सौदा 21 अरब डॉलर के आसपास होने के आसार हैं. ये सौदा फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट दोनों के लिए विन-विन स्थिति होगी और वो मिलकर अमेजन को तगड़ा मुकाबला देने की स्थिति में आ जाएंगी.
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अमेजन के दो पूर्व कर्मचारियों सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने 2007 में फ्लिपकार्ट बनाई थी. धीरे धीरे भारत के 40 परसेंट ऑनलाइन कारोबार में इसका कब्जा हो गया. अमेजन काफी कोशिश के बावजूद फ्लिपकार्ट को हटा नहीं पाई है.
फ्लिपकार्ट के निवेशक टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, एसेसल पार्टनर्स, नैसपर्स, आईडीजी वेंचर्स और दूसरे निवेशक अपनी पूरी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेच देंगे.
अगस्त 2017 में फ्लिपकार्ट में जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप ने $1.4 अरब डॉलर निवेश का एलान किया इससे फ्लिपकार्ट करीब $14 अरब की कंपनी बन गई. 2007 में लॉन्च के बाद अब तक इसमें $6 अरब का निवेश हो चुका है.
20 अरब डॉलर से ज्यादा का वैल्युएशन मिलना फ्लिपकार्ट के लिए बड़ी उपलब्धि है क्योंकि डेढ़ साल पहले जानकारों ने फ्लॉप घोषित कर दिया था.
2016 में जब कंपनी को हर तरफ से निराशा मिल रही थी, अमेजन तेजी से भारत में पहुंच बढ़ा रही थी. तब माना जा रहा था कि फ्लिपकार्ट के पास उस मुकाबले की कोई स्ट्रैटेजी नहीं थी. लेकिन कल्याण कृष्णमूर्ति को दोबारा लाने और फिर 2017 में उन्हें सीईओ बनाने के बाद कंपनी की किस्मत बदल गई. कृष्णमूर्ति ने आक्रामक तरीके से अमेजन का मुकाबला शुरू किया.
अमेजन और वॉलमार्ट के अलावा दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल भी इसे हासिल करना चाहता था. अखबार मिंट के मुताबिक गूगल ने कंपनी का वैल्युएशन 15-16 अरब डॉलर किया था.
अमेजन ने जून 2013 में भारत में कदम रखा था उसके बाद से कंपनी देश में 2 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है. साथ ही उसका दावा है कि अगले कुछ सालों में 3 अरब डॉलर और लगाए जाएंगे. इतनी कोशिश के बाद भी भारत के करीब 18 अरब डॉलर के ई-कॉमर्स बिजनेस में फ्लिपकार्ट मार्केट लीडर है.
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