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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आम बजट पर चुटकी ली. उन्होंने कहा- “न सोच,ना रास्ता, न विजन, ना क्रियान्वन. हमेशा बातों से काम, पर काम की बात नहीं ! सही कहा- नाम बड़े और दर्शन छोटे!”
बिहार के मुख्यमंत्री और बीजेपी के सहयोगी नीतीश कुमार ने मोदी सरकार को बजट के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र के लिए काफी अच्छी घोषणाएं की गई है. उन्होंने कहा बजट में एक बात जो काफी अच्छी है वो है10 करोड़ परिवार को चिकित्सा के क्षेत्र में पांच लाख रुपये की मदद दी जाएगी
मोदी सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए सिर्फ बातें की हैं और लोगों के लिए कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पिछड़े समाज के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट से देश और विकास करेगा. उन्होंने इस बजट के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली और देशवासियों को बधाई दी. पीएम ने बजट में हेल्थ योजना के लागू किए जाने पर कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है.
बजट के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह बजट देश के विकास को गति देने वाला बजट है. उन्होंने कहा कि किसानों ने खाद्यान्न और फल सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है. मध्यम वर्ग के लिए ज्यादा सेविंग्स, बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस का यह बजट है. उन्होंने कहा कि 14.5 लाख करोड़ रुपये का विशेष आवंटन किसानों के लिए किया गया है. उन्होंने कहा 51 लाख नए घर, तीन लाख किलोमीटर से ज्यादा की सड़कें, बिजली कनेक्शन आदि का सीधा लाभ दलित, पीड़ित, शोषित लोगों को मिलेगा.
बजट के दौरान मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई. कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 ले 20 प्रतिशत की गई. ऐसे में विदेशी मोबाइल फोन, टेलीविजन सेट महंगे होंगे, लेकिन काजू सस्ता होगा.
बजट में इनकम टैक्स में कोई छूट की घोषणा नहीं होने पर शेयर बाजार में तेज गिरावट देखी जा रही है.
मध्यमवर्ग के लोगों को इस बजट से बड़ा झटका लगा है. उन्हों इनकम टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई है. हालांकि नौैकरीपेशा लोगों को मामूली राहत दी गई है. उन्हें स्टैडर्ड डिडक्श के तहत 40 हजार रुपये की छूट दी जाएगी.
सरकार सभी इंडस्ट्री को यूनीक आईडी यानी आधार देने के लिए योजना शुरू करेगी. 372 बिजनेस रिफॉर्म एक्शन की पहचान की गई है, सभी राज्य इसके तहत काम करेंगे.
शेयर बाजार में 24 सरकारी कंपनियों का स्ट्रैटेजिक विनिवेश होगा. एयर इंडिया का विनिवेश भी इसमें शामिल है. सभी इंश्योरेंस कंपनियों को मिलाकर एक इंश्योरेंस कंपनी बनेगी जिसे शेयर बाजार में लिस्ट कराया जाएगा. 1 लाख करोड़ से ज्यादा विनिवेश से प्राप्त हुआ है. 80 हजार करोड़ रुपए 2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य है. 5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त का कर्ज दे पाएंगे सरकारी बैंक
आम बजट में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सैलरी तय करने का प्रस्ताव रखा गया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि व्यापक गोल्ड पॉलिसी बनाई जाएगी. साथ ही बिटकाॉइन गोल्ड जमा योजना में जरूरी बदलाव किए जाएंगे.
नीति आयोग- आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस पर योजना तैयार करेगा
रिसर्च और ट्रेनिंग- डिजिटल इंडिया में आवंटन दोगुना
5 लाख हाई-फाई हॉट स्पॉट बनेंगे गांवों के लिए
5G टेक्नोलॉजी के लिए काम शुरु किया जाएगा
क्रिप्टोकरेंसी को वैधता नहीं देती सरकार, इसे रोकने के तरीके पर काम किया जाएगा
टोल पेमेंट इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा
टोल सिस्टम के लिए नई स्कीम लाई जाएगी
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की कि 56 नए हवाई अड्डों पर उड़ान की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. इसके साथ ही हवाई चप्पल पहनने वाले आदमी भी अब हवाई यात्रा कर सकेंगे.
ट्रैक इंफ्रा पर फोकस किया जाएगा. 4000 से ज्यादा मानव रहित क्रॉसिंग खत्म होंगी. 2000 से ज्यादा स्मार्ट स्टेशन बनाने की स्पीड बढ़ेगी साथ ही स्मार्ट स्टेशन में एस्केलेटर, वाई-फाई की सुविधा होगी. मुंबई सबअर्बन रेलवे में 150 किलोमीटर का ट्रैक बनेगा, इस पर 50 हजार करोड़ का खर्च आएगा. मुंबई-अहमदबाद बुलेट ट्रेन का काम रफ्तार पकड़ेगा और रेलवे यूनिवर्सिटी वडोडरा में बनेगी.
वित्त मंत्री ने कहा रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का कैपिटल एक्सपेंडिचर की योजना है. 18000 किलोमीटर की डबलिंग लाइन और 4000 किलोमीटर का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा. इसके साथ ही 700 लोको बनाने का प्रस्ताव है.
देश को इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 50 लाख करोड़ रुपए की जरूरत है. रेल और सड़क के लिए सबसे ज्यादा आवंटन किए जाएंगे. फिलहाल 9.4 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. शेरा पास में टनल कंस्ट्रक्शन का प्रस्ताव
छोटी इंडस्ट्री के लिए ऑनलाइन लोन फेसिलिटी देने का प्रस्ताव किया गया है. इसके साथ ही छोटी इंडस्ट्री को कैश फ्लो की दिक्कत खत्म करने के लिए भी योजना की बात की गई है. मुद्रा योजना में 4.6 लाख करोड़ के 10.3 लाख लोगों को लोन मिले
आयुष्मान भारत प्रोग्राम भारत को स्वस्थ बनाने के लिए बड़ा कदम होंगे. सरकार यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की तरफ बढ़ रही है, आगे इसे और बढ़ाया जाएगा. 600 करोड़, टीबी मरीजों को ये सुविधाएं दी जाएंगी. मेडिकल एजुकेशन के लिए 27 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, कई डिस्ट्रिक हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना.
सरकार आलू, टमाटर और प्याज के किसानों को 500 करोड़ रुपये की मदद देगी
प्रदूषण की वजह से अक्सर प्रभावित रहने वाले दिल्ली-एनसीआर को बजट में बड़ी सौगात दी गई है. इसके लिए खास योजना तैयार की गई है.
वित्त मंत्री ने किसान और गरीब-मजदूर वर्ग पर खास ध्यान देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि 2020 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं उन्होंने ये भी घोषणा की 2022 तक देश के हर गरीब को अपना घर दिया जाएगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, खेती का बाज़ार मजबूत करने पर 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने बजट भाषण में 2000 करोड़ रुपये के एग्री मार्केट डेवलेपमेंट फंड बनाने की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तीसरा दौर बहेतरीन तरीके से चल रहा है. स्कूलों-अस्पतालों तक सड़कों की पहुंच हो गई है. खेती का बाज़ार मजबूत करने पर 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने बजट भाषण में 2000 करोड़ रुपये के एग्री मार्केट डेवलेपमेंट फंड बनाने की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने पर दिया जोर, उन्होंने कहा हम खेती को इंडस्ट्री मानते हैं, 2020 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य. वित्त मंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने पर दिया जोर, उन्होंने कहा हम खेती को इंडस्ट्री मानते हैं, 2020 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य. किसानों को कम लागत में ज्यादा उपज की मदद, कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर. उन्होंने कहा 275 मिलियन टन अनाज इस साल हुआ, किसानों को लागत का डेढ़ गुना मिले. रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से 1.5 गुऩा
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा, गरीब और मिड्ल क्लास लोगों पर खास ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, गरीबों-मध्यवर्ग को होम लोन में राहत, किसानों को लागत से 50 फीसदी ज्यादा देने का फैसला किया गया.
वित्त मंत्री ने कहा कि तृतीय और चतुर्ग वर्ग नौकरी में इंटरव्यू समाप्त कर दिया गया है. इससे आम लोगों को राहत मिल रही है. पीएम मोदी ने सत्ता में आने के साथ ही इस बात के संकेत दिए थे और उसे सच कर दिखाया.
वित्त मंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस पर सरकार को जोर है. उन्होंने कहा कि कामकाज में सरकारी दखल को कम किया जा रहा है. उज्ज्वला योजना, के साथ साथ गरीबों के लिए दवाई और सस्ता इलाज मुहैया कराने के प्रयास जारी हैं.
जेटली ने कहा कि हमारा निर्यात काफी तेजी से बढ़ा है. उन्होंने कहा कि इस बार का बजट ग्रामीण क्षेत्रों, सीनियर सिटिजन और इंफ्रास्ट्रचर पर जोर देने वाले होगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, भारत जल्द ही दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा. उन्होंने कहा कि क्रय शक्ति के हिसाब से हमने काफी ग्रोथ की है. जेटली ने कहा कि हमारा निर्यात काफी तेजी से बढ़ा है. उन्होंने कहा कि इस बार का बजट ग्रामीण क्षेत्रों, सीनियर सिटिजन और इंफ्रास्ट्रचर पर जोर देने वाले होगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में बजट पेश कर रहे हैं. ये उनका पाचवां बजट है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आम बजट 2018-19 को मंजूरी दे दी. कुछ ही देर में इसे पेश किया जाएगा. आम बजट पेश होने से पहले कैबिनेट की बैठक की जाती है और इसमें बजट को मंजूरी दी जाने की परंपरा रही है.
कुछ देर में संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट पेश करेंगे. इसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संसद भवन पहुंच गए हैं. मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है. अगले साल अप्रैल-मई में आम चुनाव तय है.
इस बार बजट की केवल 2,500 कॉपी ही छपी हैं. आमतौर पर हर साल 8,000 कॉपी छापी जाती थीं. थोड़ी ही देर में वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट स्पीच देंगे.
बजट घोषणा से पहले गुरुवार को देश के शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख नजर आया और बाजार हरे निशान में खुले. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 9.45 बजे 111.86 160.67 अंकों की मजबूती के साथ 36,125.69 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 33.50 अंकों की बढ़त के साथ 11,061.20 पर कारोबार करते देखे गए.
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 83.97 अंकों की बढ़त के साथ 36048.99 पर, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 16.85 अंकों की मजबूती के साथ 11,044.55 पर खुला.
इस बार आम बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश किया जा रहा है. पहले दोनों बजट अलग-अलग पेश किया जाता था. ऐसे में रेलवे के लिए भी इस बजट में काफी कुछ खास रह सकता है. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने इस बात के संकेत दिए हैं. शुक्ला ने कहा, सड़क और रेल के विकास पर सरकार का जोर है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली हिंदी में बजट पेश कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेटली हिंदी में बजट भाषण पढ़ेंगे. आमतौर पर बजट भाषण अंग्रेजी में पढ़ा जाता रहा है.
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, भारत की जरूरतों के मुताबिक होगा बजट. बजट की मंजूरी के लिए कैबिनेट की बैठक जारी है. 11 बजे वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में बजट पेश करेंगे.
आम बजट 2018-19 पेश करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद भवन पहुंच गए हैं. 11 बजे वो बजट पेश करेंगे. मोदी सरकार का यह आखिरी फुलटाइम बजट है. आम लोगों को इस बजट से काफी कुछ उम्मीदें है.
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली राष्ट्रपति भवन पहुंचे. अपने मंत्रियों के साथ उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ बजट पर चर्चा की. कुछ देर में यहां से निकलकर संसद भवन जाएंगे वित्त मंत्री जेटली.
बजट की कॉपियां संसद भवन पहुंच गई है. महीनों की मेहनत के बाद इसे तैयार किया जाता है. बजट के बारे में सभी अहम जानकारियों इसी कॉपी में होती है. वित्त मंत्री अरुण जेटली इसी बजट कॉपी को संसद भवन में पढ़ेंगे
कारोबारियों को बीजेपी के प्रमुख समर्थक के तौर पर देखा जाता है. गुजरात चुनाव के अलावा यूपी निकाय चुनाव के शहरी क्षेत्र में बीजेपी को ज्यादा समर्थन हासिल हुआ. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार लघु उद्योगों के लिए भी रियायतें दे सकती हैं.
वित्त मंत्री जेटली माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन से इस वर्ग को हुई दिक्कतों को दूर करने के लिए कुछ कदमों की घोषणा कर सकते हैं. इसके साथ ही आयकर छूट सीमा बढ़ाकर आम आदमी को कुछ राहत देने का प्रयास भी बजट में किया जा सकता है. राजमार्ग जैसी ढांचागत परियोजनाओं के साथ-साथ रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए भी इस बजट में ज्यादा आवंटन किया जा सकता है.
बजट में किसानों के लिए काफी कुछ हो सकता है. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने इस बात के संकेत दिए हैं. बजट से पहले मीडियाके सामने शुक्ला ने कहा, किसान भगवान हैं. उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा, रोजगार के लिए सरकार ने काफी काम किया है. सरकार सबके लिए काम कर रही है. सभी के हितों का ध्यान रख रही है. उन्होंने उम्मीद जताई की इस बजट में आम लोगों के हितों का ध्यान रखा जाएगा.
बजट पेश होने से पहले बजट बैग के साथ तस्वीरें खिंचाने की परंपरा को निभाया वित्त मंत्री अरुण जेटली ने. मंत्रालय के सामने अपने सहयोगियों के साथ बजट बैग के साथ वित्त मंत्री दिखे. कुछ ही देर में संसद भवन के लिए रवाना होंगे.
वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में 11 बजे बजट पेश करेंगे. लेकिन इससे पहले वो वित्त मंत्रालय पहुंच चुके हैं. यहां से बजट ब्रीफकेस लेकर कुछ देर में संसद के लिए रवाना होंगे
बाकी क्षेत्रों की तरह देश के रियल एस्टेट की भी वित्तमंत्री के बजट के पिटारे से नई घोषणाओं की उम्मीद है. नोटबंदी के प्रभावों और रियल एस्टेट कानून 2016 के प्रावधान को लागू किए जाने से रियल एस्टेट सेक्टर अभी तक पूरी तरह उबरा नहीं है. ऐसे में कारोबार का यह क्षेत्र नए बजट से नई उम्मीदें लगाए बैठा है.
मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी बजट में नई ग्रामीण योजनाओं का भी ऐलान कर सकती है. वहीं मनरेगा, ग्रामीण आवास, सिंचाई परियोजनाओं और फसल बीमा जैसे मौजूदा कार्यक्रमों के लिए आवंटन में बढ़ोतरी भी देखने को मिल सकती है.
गुजरात में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में देखने को मिला कि बीजेपी का ग्रामीण वोट बैंक छिटक रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए जेटली अपने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुछ प्रोत्साहन भी ला सकते हैं.
वित्त मंत्री अरूण जेटली आज गुरुवार को संसद में 2018-19 का आम बजट पेश करेंगे. यह मोदी सरकार का पांचवां और संभवत: सबसे कठिन बजट होगा. इस बजट में जेटली को राजकोषीय लक्ष्यों को साधने के साथ कृषि क्षेत्र के संकट, रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को गति देने की चुनौतियों का हल ढूंढना होगा.
बजट में इस बार यह देखने की उत्सुकता सबको रहेगी कि आखिर सरकार नोटबंदी और जीएसटी से इकोनॉमी पर पड़े असर से निपटने के लिए क्या कदम उठाती है. जीएसटी लागू करने के बाद यह सरकार का पहला बजट होगा. यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा.
सरकार को मिलने वाले कुल रेवेन्यू और कुल खर्च के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं. वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 3.2 पर्सेंट तय किया है. अगर ये लक्ष्य 3 या 3.2 पर्सेंट से आगे बढ़ा तो ये बांड यील्ड को बढ़ाएगा और इसका असर शेयर बाजार पर भी दिखेगा. देखना है जेटली राजकोषीय घाटे को लेकर क्या ऐलान करते हैं.
भारत में कृषि आय पर टैक्स नहीं लगता है. ऐसे में कई लोग कृषि आय दिखाकर टैक्स पर छूट का फायदा उठा लेते हैं. गरीब किसान को टैक्स में छूट मिलना गलत नहीं. लेकिन अमीर किसान को टैक्स में रियायत मिलना शायद गलत है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है सरकार अमीर किसानों पर टैक्स सिस्टम लागू कर देती है, तो इससे सरकार का खजाना भर सकता है.
इस बार के बजट में डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने वाले प्रावधानों की घोषणा हो सकती है. वित्त मंत्री अरुण जेटली भारत नेट और डिजिटल इंडिया को रफ्तार देने वाले कदमों का ऐलान कर सकते हैं. खास कर भारत नेट के लिए ज्यादा फंड का प्रावधान हो सकता है.
इस बार के बजट में लोगों को सबसे ज्यादा उम्मीद टैक्स छूट में बढ़ोतरी को लेकर है. अब तक 2.5 लाख रुपये की आय पर टैक्स नहीं लगता. लोगों को उम्मीद है कि यह सीमा बढ़ा कर 3 लाख रुपये की जा सकती है. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सरकारी कर्मचारियों की आय में बढ़ोतरी की वजह से यह मांग उठ रही है. अगर सरकार ने टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये की तो उसे 5,300 करोड़ रुपये का घाटा होगा. लेकिन इससे करदाताओं की जेब में ज्यादा पैसा आएगा. यह पैसा इनवेस्टमेंट और कंजप्शन में लग सकता है.
मौजूदा दौर में कोई भी शख्स ईपीएफ, पीपीएफ, एलआईस, एनएससी और ईएलएसएस में 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स छूट का लाभ लवे सकता है. लेकिन इस बार यह सीमा और 50,000 रुपये बढ़ाई जा सकती है. लोगों को उम्मीद है कि बजट में वित्त मंत्री इसका ऐलान कर सकते हैं. अगर 80सी के तहत टैक्स छूट के लिए निवेश की सीमा 2 लाख तो बढ़ाई जाती है तो 10 फीसदी के टैक्स ब्रैकेट में आने वाले लोग साल में 2575 रुपये बचा पाएंगे. जबकि 20 और 30 फीसदी टैक्स दायरे के तहत आने लोगों को क्रमश: 10,000 और 15,000 रुपये तक बचत होगी.
सरकार के एजेंडे में बैंकों की समस्या खत्म करना सबसे ऊपर है. बैंकों के एनपीए में बढ़ोतरी को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में सार्वजनिक बैंकों के विलय का प्रस्ताव पेश कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को इस वित्त वर्ष में कई सार्वनजिक बैंकों के विलय की उम्मीद है. पिछले दिनों वित्त मंत्री ने कहा था कि बैंकों का री-कैपिटलाइजेशन सरकार की सबसे बड़ी प्राथिमकताओं में शामिल है.
इस साल का बजट पर खास नजर इसलिए भी है कि यह पिछले साल जुलाई में लागू हुए जीएसटी के बाद देश का पहला आम बजट होगा. इसके साथ ही यह 2019 के आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली का पहला पूर्ण बजट होगा.
सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं. सबसे बड़ी चुनौैती राजकोषीय घाटे के लक्ष्य तक सीमित रखने की है. इसके अलावा सरकार मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की चुनौती से जूझ रही है. कृषि सेक्टर पर भी सरकार को खास ध्यान देना होगा क्योंकि फसल की सही कीमत न मिलने से देश में कई जगह किसानों के आंदोलन देखने को मिले हैं. उम्मीद है सरकार इस सेक्टर को खास तवज्जो देगी. रोजगार बढ़ाने और मध्य वर्ग को टैक्स राहत देने पर भी जोर होगा.
सरकार ने पिछले साल से 1 फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा डाली थी. इसके साथ ही अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा भी खत्म कर दी थी.
केंद्र सरकार हर साल आम बजट पेश करती है. जिसमें वित्तमंत्री अलग-अलग क्षेत्र के लिए पैसे आवंटित किए जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सरकार का कुल बजट कहां-कहां और किस सेक्टर में खर्च होता है. बजट का एक बड़ा हिस्सा टैक्स और ड्यूटी में जाता है, जो कि राज्यों को दिया जाता है. ये कुल बजट का 24 फीसदी होता है. वहीं सबसे कम 5 फीसदी बजट फाइनेंस कमिशन और दूसरे ट्रांसफर के लिए होता है. इंफोग्राफ में देखिए बजट का पूरा ब्योरा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट से पहले होने वाली मुलाकातों के दौरान शुक्रवार को फाइनेंशियल सेक्टर के रेगुलेटर्स से मिल रहे हैं. वित्त मंत्री इन नियामकों के साथ मिलकर इकोनॉमी के ताजा हालात का जायजा लेंगे. इस मुलाकात में राजकोषीय घाटे को सीमित रखने, इसके बेहतर प्रबंधन, ग्लोबल अर्थव्यवस्था, बैंकों के एनपीए और वित्तीय क्षेत्र के नियमन से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श हो रहा है.
दरअसल वित्त मंत्री फिस्कल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (एफएसडीसी) की बैठक कर रहे हैं. सेबी के चेयरमैन, आरबीआई गवर्नर और इरडा के चेयरमैन समेत वित्तीय क्षेत्र के सभी नियाकों के चीफ इसके सदस्य हैं. एफएसडीसी की इस बैठक में वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के प्रमुख के अलावा वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी भी शामिल हैं.
इस बैठक में वित्त वर्ष 2018-19 के बजट की तैयारियों के साथ ही बैंकों के फंसे हुए कर्ज की समस्या और दिवालिया कानून के तहत डिफॉल्टर कंपनियों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है. .
सरकार ने गुरुवार को इन्सोल्वेंसी और बैंकरप्शी कोड (आईबीसी) में संशोधन प्रस्ताव पेश किए ताकि डिफॉल्टर कंपनियों की रेज्योलुशन प्रक्रिया को तेज किया जा सके. बैठक में फाइनेंशियल सेक्टर के नए नियमों को लागू करने पर चर्चा करने के साथ ही अर्थव्यवस्था में रफ्तार लाने के उपायों पर चर्चा हो सकती है. हालांकि पांच तिमाहियों में लगातार गिरावट के बाद इकोनॉमी ने जीडीपी में 6.3 फीसदी की रफ्तार दर्ज की गई है. लेकिन अभी सरकार को कई आर्थिक सुधार करने हैं.
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