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बंधन बैंक के आईपीओ में निवेश करना चाहिए या नहीं, इस पर बात करने से पहले जान लीजिए कि ये बहुत ही खास तरह का बैंक है, जिसके 1.20 करोड़ कस्टमर में करीब एक करोड़ महिलाएं हैं. यह बात इसलिए बतानी जरूरी है कि बैंकों में ग्राहकों का जो प्रोफाइल बनाया जाता है, उसमें कॉमन खास बात होती है कि महिलाएं ज्यादा ईमानदार कस्टमर होती हैं और उनका लोन डिफॉल्ट का खतरा मर्दों के मुकाबले काफी कम होता है.
ये जानने के बाद अब शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच बंधन बैंक का आईपीओ गुरुवार से खुल गया है. बहुत दिनों बाद किसी प्राइवेट बैंक का आईपीओ आया है, इसलिए इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. लेकिन इस आईपीओ में निवेश करना चाहिए या नहीं, इसके लिए बैंक के बिजनेस मॉडल और कमाई-धमाई का हिसाब-किताब जानना जरूरी है.
बंधन बैंक कई लिहाज से अहम है. ये छोटे-छोटे यानी माइक्रो लोन देने वाला बैंक है, जिसका पूर्वी भारत, खास तौर पर पश्चिम बंगाल और असम के ग्रामीण इलाकों में अच्छा-खासा दबदबा है.
बंधन बैंक को करीब तीन साल पहले 2015 में बैंक लाइसेंस मिला था. बैंक का ज्यादातर बिजनेस करीब 90 परसेंट छोटे और बहुत छोटे लोन से आता है. बैंक की ग्रामीण इलाकों में अच्छी मौजूदगी है. इसके अलावा होमलोन, टू व्हीलर लोन और गोल्ड लोन में भी बैंक अपना मार्केट बढ़ा रहा है.
(इनपुट ब्लूमबर्ग क्विंट)
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