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Budget 2024: Income Tax Slab में कोई बदलाव नहीं, बजट में वित्त मंत्री की घोषणा| Explained

Budget 2024: यहां जानिए मौजूदा टैक्स स्लैब क्या था, जो आगे भी बना रहेगा?

आशुतोष कुमार सिंह
बिजनेस न्यूज
Updated:
<div class="paragraphs"><p>New Tax Slab in Budget 2024 by&nbsp;Nirmala Sitharaman</p></div>
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New Tax Slab in Budget 2024 by Nirmala Sitharaman

(फोटो- अल्टर्ड बाई क्विंट हिंदी)

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New Tax Slab in Budget 2024 by Nirmala Sitharaman: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी और अंतरिम बजट (Union Budget 2024) गुरुवार, 1 फरवरी को पेश किया गया. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में बही-खाता पेश किया. ऐसे में देश की आम जनता के लिए बजट से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या मोदी सरकार ने आम चुनावों से ठीक पहले आए इस बजट में टैक्स स्लैब में कुछ ऐसा बदलाव किया है, जिससे उन्हें राहत मिले? हालांकि सरकार ने डायरेक्ट टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है.

मौजूदा टैक्स स्लैब क्या था, जो आगे भी बना रहेगा?

पुरानी और नई दोनों टैक्स व्यवस्थाओं के तहत मौजूदा टैक्स स्लैब यह रहा:

न्यू टैक्स रिजीम

नए टैक्स रिजीम में 7 लाख तक की कमाई पर किसी टैक्स का प्रावधान नहीं था. यानी 7 लाख रुपये तक की कमाई वाले व्यक्ति न्यू टैक्स रिजीम में धारा 87A के तहत कर छूट के पात्र होते हैं. उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. इसके अलावा नए टैक्स रिजीम में आपको 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. लेकिन अगर आपकी कमाई 7.5 लाख से ज्यादा है तो आपको टैक्स देना पड़ता है. अब वो टैक्स किस दर से लिया जाएगा, आगे टैक्स स्लैब जानिए-

अगर आपकी कमाई 0-3 लाख है, तो इसपर कोई टैक्स नहीं लग रहा था. 3-6 लाख की कमाई पर 5 फीसदी टैक्स लग रहा था, 6-9 लाख की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स देना पड़ रहा था. 9-12 लाख की कमाई पर 15 फीसदी टैक्स लग रहा था और 12-15 लाख की कमाई पर 20 फीसदी टैक्स देना पड़ रहा था. वहीं, 15 लाख रुपए से अधिक की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लग रहा था.

सवाल है कि अगर 7 लाख तक टैक्स नहीं लगने की बात थी तो फिर 3-6 लाख की कमाई पर 5 फीसदी टैक्स क्यों. दरअसल ऊपर इनकम टैक्‍स की जो दरें बताई गई हैं, वे 7 लाख रुपये से ज्‍यादा सालाना आमदनी पर लागू होंगी. इसको हम आपको उदाहरण से समझाते हैं.

मान लीजिए आपकी सालाना आमदनी 10 लाख रुपए है. पहले तो 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन हटा देते हैं. इस हिसाब से टैक्स लगने योग्य कमाई 9.5 लाख रुपए हुई.

ऐसे में आपको 3 से 6 लाख की कमाई पर 5% टैक्स के हिसाब से 15000 रुपए, 6 से 9 लाख की कमाई पर 10% टैक्स के हिसाब से 30000 रुपए और 9 लाख से 9.5 लाख रूपये की कमाई पर 15% टैक्स के हिसाब से 7500 रुपए देने होंगे. यानी 10 लाख रुपये की सालाना कमाई पर कुल 52500 रुपए टैक्स के रूप में देने होंगे. हालांकि आप कई तरह के ऐसे निवेश करके इस टैक्स से भी बच सकते हैं, जिसपर सरकार रिबेट/छूट देती है.

ओल्ड टैक्स रिजीम

जिन व्यक्तियों की कुल आय ₹2.5 लाख से अधिक नहीं है उन्हें इनकम टैक्स से छूट है. ₹2.5-5 लाख के दायरे में आने वाली आय के लिए 5% टैक्स लागू है. ₹5 लाख तक की आय वाले लोग आयकर (आई-टी) अधिनियम की धारा 87ए के तहत ₹12,500 की छूट का दावा कर सकते हैं.

₹5-10 लाख कमाने वाले व्यक्तियों को 20% टैक्स देना पड़ता है. ₹10 लाख से अधिक की कुल आय के लिए, 30% कर की दर लागू है.

ओल्ड टैक्स रिजीम में, इनकम टैक्स छूट सीमा 60 साल से अधिक और 80 साल से कम आयु के सीनियर सिटीजन के लिए ₹3 लाख तक और 80 साल से अधिक आयु के सुपर सीनियर सिटीजन के लिए ₹5 लाख तक है.

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Published: 01 Feb 2024,12:01 PM IST

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