देश में इंश्योरेंस कवरेज की क्या स्थिति है, इसका अंदाजा कोरोना (Coronavirus) महामारी से लगाया जा सकता है. कोरोना के चलते हुई मौतों में 15 फीसदी से कम मामलों में क्लेम का दावा किया गया. कोरोना से देश भर में 3.91 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि अब तक इसमें से महज 14 फीसदी यानी कि 55,276 मौतों पर इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) मिला है, इससे देश में लाइफ इंश्योरेंस कवरेज की बुरी स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है.

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के सदस्य एल अलामेलू के मुताबिक इन 55,276 क्लेम्स में करीब 88 फीसदी यानी 3593 करोड़ रुपये के 44,484 क्लेम सेटल किये जा चुके है. वहीं दूसरी तरफ बीमा कंपनियों ने 22 जून तक करीब 80 फीसदी यानी 15.39 लाख से अधिक हेल्थ क्लेम का निपटारा किया, जो 15 हजार करोड़ से अधिक के दावे थे. अलामेलू के मुताबिक मेडिकल इंश्योरेंस या हॉस्पिटलाइजेशन की बात करें तो 22 जून तक 19.11 लाख से अधिक के कोविड हेल्थ क्लेम किये गए.

इंडियन एक्सप्रेस कि रिपोर्ट के मुताबिक ऐसोचैम के एक इवेंट को संबोधित करते हुए अलामेलू ने कहा कि इन आकड़ों से बीमा कंपनियों के लिए नए अवसर दिख रहे हैं. फिलहाल कंपनियां इस समस्या से जूझ रही हैं कि अधिकतर लोगों ने अपनी बचत का बड़ा हिस्सा खर्च कर दिया है. यहां तक कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की भी बचत का बड़ा हिस्सा खर्च हो गया है और कई लोगों पर कर्ज भी है.

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“इंश्योरेंस इंडस्ट्री और नियामक ने मिलकर कोरोना महामारी की बत्तर स्थिति के बीच लोगों की जरूरतों के मुताबिक नई पॉलिसी को डिजाइन किया और प्रक्रिया को भी आसान किया गया. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में जीवन और गैर-जीवन को लेकर इंश्योरेंस इंडस्ट्री 9 फीसदी के दर से बढ़ी और वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल-मई के दौरान इसमें 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई” 
अलामेलू
कोरोना से हुई मौतों में बढ़ोतरी के चलते बीमा कंपनियां अब सावधानी बरत रही हैं और कुछ कंपनियां अब वक्सीनशन सर्टिफिकेट भी मांगने लगी हैं और मेडिकल जांच को भी सख्त किया गया है.

पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के प्रमुख सज्जा प्रवीण चौधरी का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद स्वास्थ्य की क्या स्थिति रहने वाली है, इसे लेकर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है, तो ऐसे में कंपनियां ऐसे लोगों को पॉलिसी बेचने में सावधानी बरत रही हैं.

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