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अल साल्वाडोर (El salvador) गुरुवार 7 सितंबर को बिटकॉइन (Bitcoin) को कानूनी रूप से करेंसी की मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. इस फैसले को रोलआउट करने के लिये अल साल्वाडोर ने 400 बिटकॉइन खरीदे. इसकी कीमत उस समय के ट्रेडिंग प्राइस के हिसाब से करीब 21 मिलियन डॉलर थी. राष्ट्रपति नयब बुकेले (Nayib Bukele) ने ट्वीट करके बताया कि आगे और बिटकॉइन की खरीदारी की जाएगी.
सरकार द्वारा किसी भी करेंसी को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकारने का मतलब उस देश के भीतर कानूनी रूप से उस करेंसी को मान्यता देना होता है. यानी आप उस करेंसी का इस्तेमाल करके अपनी रोजमर्रा की जरूरत से जुड़े सामान खरीद सकेंगे. चूंकि अब अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपना लिया है, वहां के लोग बिटकॉइन का करेंसी के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे.
आपको बता दें कि Al Salvador की अभी अपनी कोई करेंसी नहीं है. वहां के लोग अमेरिकी डॉलर में ही लेन-देन का काम करते हैं.
अल साल्वाडोर सेंट्रल अमेरिका का छोटा सा देश है. देश की लगभग 25% जनसंख्या अमेरिका में अपना गुजर बसर करती है. अमेरिका या विदेश में रह रहे लोग जब देश में पैसा (जिसे remittance कहा जाता है) भेजते हैं तो बीच में उस पर कई तरह के शुल्क लगते हैं. 2020 में विदेश में रह रहे लोगों ने करीब 6 अरब डॉलर स्वदेश भेजा था जो कि वहां की जीडीपी (GDP) का करीब 20 फीसदी है. सरकार ने बताया कि, बिटकॉइन की वजह से हम हर साल remittance में लगने वाली करीब 400 मिलियन डॉलर लगने वाली फीस बचा सकेंगे.
सरकार ने बताया कि देश में करीब 70% लोग के पास अपना बैंक खाता नहीं है. इस फैसले के बाद आम लोग भी फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़ेंगे.
यह भी रोचक है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बिटकॉइन के उपयोग के जोखिमों को लेकर El salvador को चेतावनी दी है. पता हो कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के वैल्यू में काफी ज्यादा उतार -चढ़ाव होता है. इसी वर्ष अप्रैल से मई के बीच बिटकॉइन ने अपना लगभग आधा मूल्य खो दिया था.
अल सल्वाडोर की सरकार ने विश्व बैंक (World Bank) से इसे अपनाने में मदद करने के लिए अनुरोध किया था. हालांकि विश्व बैंक ने पर्यावरण और ट्रांसपेरेंसी कमियों का हवाला देते हुए सरकार के इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था.
वर्चुअल करेंसी की बढ़ती पॉपुलैरिटी के बीच कई और देश इस तरह का फैसला लेने पर विचार कर रहे हैं. खासकर EL Salvador के पड़ोसी देश इस पर नजर टिकाये हुए हैं. पिछले ही महीने क्यूबा ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने के लिये काम शुरू करने की घोषणा की थी. पनामा और उरुग्वे ने भी इसी तरह का समान कानून प्रस्तावित किया है.
अमेरिका ने अल साल्वाडोर के फैसले की आलोचना करते हुए कि यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है.
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