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देश भर में इस वर्ष की दिवाली को पूरी तरह से भारतीय बनाने की तैयारी है, दीपक से लेकर लाइट्स तक सब भारतीय होने वाला है, भारतीय व्यापारियों ने प्रधानमंत्री मोदी के वोकल फॉर लोकल नारे को जमीनी स्तर पर सही करने की ठानी है.
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आव्हान को देश के कोने कोने में ले जाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं जिसके जरिये कैट के बैनर तले देश का व्यापारी वर्ग चीन को इस वर्ष के दिवाली फेस्टिवल सीजन पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का एक बड़ा झटका देने को पूरी तरह तैयार है.
कैट के इस अभियान को देशभर से व्यापक समर्थन मिल रहा है अतः व्यापारियों ने चीनी सामान को नहीं बेचने का संकलप लिया है. देश भर में इस वर्ष की दिवाली को पूरी तरह से भारतीय बनाने की तैयारी है, दीपक से लेकर लाइट्स तक सब भारतीय होने वाला है, भारतीय व्यापारियों ने प्रधानमंत्री मोदी के वोकल फॉर लोकल नारे को जमीनी स्तर पर सही करने की ठानी है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जारी कर एक संयुक्त वक्तव्य में बताया की प्रति वर्ष भारत में दिवाली के सीजन पर लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होता है जिसमें सोना चांदी, ऑटोमोबाइल जैसे महंगे रिटेल व्यापार भी शामिल हैं, इस 70 हजार करोड़ के व्यापार में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का सामान बीते वर्षों में चीन से आयात होता आया है. उन्होंने बताया,
कैट की तरफ से कहा कहा कि, देशभर में व्यापारी कैट के भारतीय सामान - हमारा अभिमान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए भारतीय सामानों के स्टॉक का संग्रह कर रहे हैं. दीवाली के त्योहारी सीजन में वैसे तो हर वर्ग का व्यापारी अपनी तैयारी कर रहा है.
उन्होंने बताया की कैट ने चीन के सामानों के विकल्प के रूप में जहाँ देश भर में लघु उद्योगों की जानकारी करते हुए उन्हें अधिक उत्पाद बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया हैं वहीं दूसरी ओर देश के प्रत्येक शहर में कारीगरों, शिल्पकारों एवं ऐसे लोग जिनके पास कला कौशल तो है लेकिन साधन नहीं है उनको भी प्रोत्साहित किया है.
कह सकते हैं कि कैट का यह प्रयास सही मायनों में प्रधानमंत्री मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को वास्तविक करके दिखायेगा जिसके जरिये चीन को 40 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का झटका देकर सबक सिखाया जाएगा.
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