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कोरोनावायरस ने भारत समेत दुनियाभर की इकनॉमी को मुश्किल में डाल दिया है. इसके असर ने भारत समेत दुनिया के बड़े हिस्से में आर्थिक इमजेंसी के हालात पैदा कर दिए हैं. कारोबार से लेकर रोजगार पर इसके साफ असर दिख रहे हैं. दुनिया के तमाम शेयर बाजारों में कंपनियों के शेयर धड़ाधड़ गिर रहे हैं और निवेशकों को रातोंरात अरबों डॉलर की चपत लग चुकी है. देश में कोरोनावायरस के असर से इकनॉमी के लगभग हर सेक्टर को बड़े नुकसान होने की आशंका है.
कोरोनावायरस का पैनिक इतना है कि निवेशक शेयरों की तुलना में सुरक्षित समझे जाने वाले गोल्ड और गवर्नमेंट बॉन्ड से मुंह मोड़ने लगे हैं. कोरोनावायरस से देश की अर्थव्यवस्था को कई मोर्चे पर चोट पहुंच सकती है-
कोरोनावायरस से इंडियन इकनॉमी को लगने वाले झटके अभी से महसूस होने लगे हैं. ट्रैवल-टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, एविएशन, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर का कारोबार धीमा हो रहा है. इसका असर रोजगार पर भी हो सकता है. कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज और सिनेमाघर बंद हैं. ट्रैवल कम हो जाने से एयरलाइंस की बुकिंग कम हो गई है. ओला-उबर की बुकिंग पर भी असर पड़ा है. कोरोनोवायरस का असर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर भी दिखने लगा है.
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के प्रेसिडेंट प्रणब सरकार ने ब्लूमबर्ग क्विंट को बताया कि पिछले साल के जनवरी-मार्च की तुलना में इस साल जनवरी से लेकर अब तक विदेशी टूरिस्टों की संख्या में 67 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है. घरेलू पर्यटकों की संख्या में भी भारी कमी आई है. हाल में इंडिगो एयरलाइंस चलाने वाली इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड नेअपनी एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि यात्रियों की संख्या तेजी से घटने लगी है.
कोरोनावायरस का फिलहाल सबसे ज्यादा असर ट्रैवल- टूरिज्म इंडस्ट्री पर दिख रहा है. अप्रैल 2019 में फिक्की की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की जीडीपी में ट्रैवल-टूरिज्म की हिस्सेदारी 9.2 फीसदी है. 2018 में इस इंडस्ट्री ने 2.67 करोड़ रोजगार दिए थे.
ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि देश में इस वक्त डोमेस्टिक फ्लाइट की बुकिंग 70 से 80 फीसदी घट गई है. जबकि इंटरनेशनल फ्लाइट की बुकिंग लगभग 90 फीसदी तक घट गई है.
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, देश के कई सेक्टरों में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.
आइए देखते हैं किस सेक्टर में कितना रोजगार खत्म हो सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को ऐसी स्थिति में इकनॉमी को राहत देने के कदम तुरंत उठाने चाहिए. सरकार बड़े राहत पैकेज का ऐलान करे. मुश्किल हालात में फंसे सेक्टरों को टैक्स राहत दे. रियल्टी और दूसरे कंज्यूमर्स सेक्टर के लिए इंटरेस्ट में छूट का ऐलान करे. हेल्थकेयर सेक्टर को लिए फंड बढ़ाए. इसके साथ उद्योग जगत को छंटनी से बचने की सलाह दे. वन टाइम कैश ट्रांसफर भी राहत का एक बड़ा जरिया हो सकता है.
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