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FHRAI ने जोमैटो,स्विगी को लताड़ा, देशभर में प्रदर्शन की दी चेतावनी

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने जोमैटो और स्विगी जैसे फूड सर्विस एग्रीगेटर को जमकर लताड़ा है.

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FHRAI ने जोमैटो,स्विगी को लताड़ा, देशभर में प्रदर्शन की दी चेतावनी
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FHRAI ने जोमैटो,स्विगी को लताड़ा, देशभर में प्रदर्शन की दी चेतावनी
(फोटो: FHRAI)

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फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने जोमैटो और स्विगी जैसे फूड सर्विस एग्रीगेटर (FSA) को जमकर लताड़ा है. साथ ही कई मुद्दों पर बातचीत पर बुलाया है. होटल और रेस्टोरेंट की कई क्षेत्रीय एसोसिएशन की तरफ से आई शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए FHRAI ने जोमैटो, स्विगी, Nearbuy, Dineout Prius Heights, EasyDiner और मैजिकपिन को लेटर लिखा है. FHRAI ने इन एग्रीगेटर कंपनियों से कहा है कि "जल्द ही बातचीत करके फायदेमंद नतीजे पर पहुंचना सबके लिए जरूरी है."

FHRAI ने इन कंपनियों की ‘अनैतिक कारोबार’ की आदतों की समीक्षा करने की मांग करते हुए कहा कि ये कंपनियां सिर्फ टेक्नोलॉजी पार्टनर बनकर करोड़ों उद्यमियों की महत्वाकांक्षाओं के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते.

FHRAI के वाइस प्रेजिडेंट गुरबख्शीश सिंह ने कहा, " दुर्भाग्य से इस अव्यावहारिक और हद से ज्यादा छूट देने के तरीके ने हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को चिंताजनक स्थिति में रख दिया है. इन एग्रीगेटर्स के खिलाफ जो सबसे आम शिकायत है वो एकतरफा कॉन्ट्रैक्ट की है. ये कॉन्ट्रैक्ट इंडस्ट्री में एक जैसे नहीं होते और बड़े ब्रांड्स के मुकाबले स्टार्टअप्स को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. ये हावी और शोषण करने वाला रवैया है. एग्रीमेंट की शर्तों में भी समय-समय पर एकतरफा बदलाव कर दिया जाता है और ये हमेशा FSA के फायदे में ही होता है. हम ऐसा बिजनेस करना चाहते हैं, जिसमें सबका फायदा हो."

FHRAI ने बेमतलब के ज्यादा कमीशन, पेमेंट की शर्तें और मनमाने ढंग से अतिरिक्ति शुल्क पर भी सवाल उठाया है.

FHRAI के ट्रेजरर सोमराजू ने FSA के प्लेटफॉर्म मुहैया कराने के लिए 25% कमीशन लेने को अन्यायपूर्ण बताया.

“कमीशन का कोई स्टैंडर्ड रेट नहीं है और इसे बदला जाता है जिससे स्टार्टअप्स का उत्पीड़न होता है. पेमेंट की शर्तों का पालन नहीं किया जाता और कोई भी बहाना बना कर इसका उल्लंघन करना आम है. हमें बताया गया है कि कमीशन पर GST लगाया जाता है और सेल्स-प्रमोशन के नाम पर मर्चेंट से ज्यादा कमीशन वसूला जाता है. इसके बाद ये FSA मर्चेंट और कस्टमर से डिलीवरी का अलग-अलग पैसा लेते हैं. इनके डिलीवरी एजेंट मौजूद न होने की वजह से रेस्टोरेंट को बंद दिखा देना सरासर गलत है. इन सबके अलावा एकतरफा जुर्माना लगाया जाता है, वो भी तब, जब FSA के स्टाफ की गलती होती है.”
सोमराजू, ट्रेजरर, FHRAI

रेस्टोरेंट्स ने FSA की खाना पकाने और उसे लेकर जाने की शर्तों के साथ पेनाल्टी और नेगेटिव ग्रेडिंग सिस्टम पर चिंता जताई है. अपने एजेंट्स से साफ-सफाई का सर्टिफिकेशन कराने के लिए जोर डालने से लेकर खुद के बनाए सफाई स्टैंडर्ड तक, FSA की कथित मनमानी पर सवाल उठाए गए हैं.

कोहली का कहना है कि रेस्टोरेंट को कस्टमर की पहचान जानने का हक है और इसलिए हम चाहते हैं कि FSA हमारे साथ डेटाबेस शेयर करे.

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Published: 18 Aug 2019,09:57 PM IST

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