इकनॉमी पांच साल के निचले लेवल पर, जीडीपी सिर्फ 5.8 % बढ़ी

इकोनॉमी के लिए लगातार खराब खबरें आ रही हैं, चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट को करारा झटका

क्‍व‍िंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
Updated:
जीडीपी ग्रोथ रेट में भारी कमी 
i
जीडीपी ग्रोथ रेट में भारी कमी 
फोटो : PTI 

advertisement

देश की इकनॉमी के लिए बुरी खबर है. वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर घट कर 5.8 फीसदी पर पहुंच गई है. पिछले पांच साल के दौरान यह सबसे कम आर्थिक विकास दर है. जीडीपी में गिरावट घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंजप्शन घटने की वजह से आई है.

लगातार घट रही है जीडीपी ग्रोथ रेट

वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 6.6 फीसदी थी. दूसरी तिमाही में यह दर 7.1 फीसदी थी. पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी रही थी. यानी जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी रहा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हालांकि इससे पहले एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चौथी तिमाही में आर्थिक विकास दर 6.1 से 6.5 फीसदी रह सकती है. इससे पूरे 2018-19 की ग्रोथ रेट सात फीसदी से नीचे रह सकती है. जीडीपी में इस गिरावट की वजह से रिजर्व बैंक को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दर में आधा फीसदी की कम करनी पड़ सकती है. इससे बाजार में ज्यादा पैसा आएगा और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी. हालांकि खपत में कमी सरकार की चिंता बनी हुई है. कार समेत कई उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में काफी कमी दर्ज की गई है.

आरबीआई 6 जून को मॉनेटरी पॉलिसी की समीक्षा जारी करेगा. हालांकि नई सरकार की नीतियों को देखते हुए रिजर्व बैंक बाजार में लिक्वडिटी बढ़ाने की पूरी कोशिश कर सकता है. पिछले कुछ वक्त से सरकार की ओर खर्च में कमी आई थी. चुनाव की वजह से कई प्रोजेक्ट्स पर काम रुका हुआ था. नई सरकार आने के बाद कुछ नई योजनाओं को रफ्तार मिल सकती है. इससे बाजार में लिक्विडिटी में इजाफे की उम्मीद है. 6 जून को पता चलेगा कि रिजर्व बैंक मौजूदा स्थिति को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती करता है या नहीं. हालांकि पिछले दो बार से ब्याज दरों में कटौती की जा रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 31 May 2019,06:28 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT