advertisement
नरेंद्र मोदी सरकार गिरते रुपये को थामने के लिए अब अनिवासी भारतीयों यानी एनआरआई का सहारा लेने की सोच रही है. सूत्रों के मुताबिक सरकार फॉरन करेंसी का फ्लो बढ़ाने और लगातार गिरते रुपये को थामने के लिए अनिवासी भारतीयों से फंड हासिल करने की सोच रही है.
सरकार में इस मामले की जानकारी रखने वालों ने बताया कि वित्त मंत्रालय और आरबीआई एनआरआई से पैसा इकट्ठा करने की सोच रहे हैं. इस बारे में इस महीने कोई योजना घोषित की जा सकती है.
कोटक सिक्यूरिटीज के फॉरन एक्सचेंज एनालिस्ट अनिंद्य बनर्जी ने कहा कि अगर यह योजना लागू हो जाए तो यह रुपये की स्थिति सुधार सकती है. इसका मतलब है कि नीति निर्माता रुपये को थामने के प्रति गंभीर हैं. सरकार हालात बेकाबू होने से रोकने के पूरे उपाय करेगी.
पिछले छह महीने से डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिरता जा रहा है. इस साल अब तक रुपया 14 फीसदी गिर चुका है और एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा में शामिल हो चुका है. चालू खाते के घाटे की खराब स्थिति ने रुपये को और कमजोर कर दिया है. तेल के दाम में बढ़ोतरी, ट्रेड वॉर और अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरों ने रुपये के लिए जोखिम और बढ़ा दिया है.
पहले भी, सरकारें ने विदेशी फंड आकर्षित करने और रुपये पर दबाव हटाने के लिए बांड की बिक्री और ओवरसीज डॉलर डिपोजिट का सहारा ले चुकी है. 2013 में रुपये को सहारा देने के लिए आरबीआई ने फॉरन करेंसी नॉन-रेजिडेंट बैंक डिपोजिट्स योजना की शुरुआत की थी.
इनपुट : ब्लूमबर्ग
ये भी पढ़ें: सरकार चाहे तो पेट्रोल 25 रुपए लीटर हो सकता है: चिदंबरम
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)