advertisement
COVID-19 के 6 महीने के लोन मोरेटोरियम का लाभ उठाने वाले कर्जधारकों को बैंक की तरफ से कैशबैक मिलेगा. सरकार 5 नवंबर से पहले सभी को मोराटोरियम पीरियड के दौरान लिए गए ब्याज पर ब्याज का भुगतान करेगी. सरकार पर इसकी लागत 5,000 करोड़ के आस-पास आएगी. कर्जधारकों को उनके बैंक अकाउंट में ये राशि बैंक की तरफ से ट्रांसफर की जाएगी.
कितना है मोराटोरियम पीरियड?
मोराटोरियम पीरियड 6 महीने का था, 1 मार्च से 31 अगस्त तक. ये पीरियड खत्म होने के बाद बैंकों ने सितंबर से कर्जदारों पर न चुकाए गए लोन के ब्याज पर ब्याज लेना शुरू कर दिया था.
कर्जधारकों को क्या मिलेगी राहत?
मोराटोरियम पीरियड के दौरान, ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर का भुगतान सरकार करेगी. बैंक इस राशि को कर्जधारकों के अकाउंट में सीधा ट्रांसफर करेंगे.
कौन ये राहत पाने के योग्य हैं?
ये लोग इस राहत का लाभ उठा सकते हैं:
कैसे होगा कैलकुलेशन?
कर्जधारकों की दी जाने वाली राशि की कैलकुलेशन ऐसे होगी:
बैंक सरकार से कब तक क्लेम कर सकते हैं राशि?
उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में बैंक ये राशि कर्जधारकों के अकाउंट में क्रेडिट करना शुरू कर देंगे. ये राशि क्रेडिट करने के बाद, बैंक और वित्तीय संस्थान 15 दिसंबर तक उसके भुगतान के लिए केंद्र सरकार से क्लेम कर सकते हैं.
देश में सभी नेशनल बैंकों, वित्तीय संस्थानों और बैंकों, शहरी सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को ब्याज माफी के दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)