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अप्रैल महीने में जीएसटी ( गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के तहत टैक्स संग्रह बढ़ कर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. पिछले साल जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद यह सबसे बड़ा कर संग्रह है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कर संग्रह की पुष्टि करते हुए कहा गया है कि अप्रैल में 1.03 लाख करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन हुआ है.
जीएसटी टैक्स कलेक्शन का ब्रेक-अप इस तरह है.
सेंटलमेंट के बाद सीजीएसटी (सेंट्रल जीएसटी) से केंद्र और राज्य सरकारों सीजीएसटी (सेंट्रल जीएसटी) से 32,493 करोड़ रुपये की कमाई की. जबकि एसजीएसटी से इन्होंने 40,257 करोड़ रुपये की कमाई की.
पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में माल एवं सेवा कर ( जीएसटी ) संग्रह 7.41 लाख करोड़ रुपये रहा. मार्च में यह आंकड़ा 89,264 करोड़ रुपये था. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा , ‘‘ कुल सकल जीएसटी राजस्व संग्रह अप्रैल 2018 में 1,03,458 करोड़ रुपये रहा. इसमें सीजीएसटी 18,652 करोड़ रुपये , एसजीएसटी 25,074 करोड़ रुपये , आईजीएसटी 50,548 करोड़ रुपये हैं. इसमें उपकर 8,554 करोड़ रुपये है जिसमें आयात से प्राप्त 702 करोड़ रुपये शामिल हैं.
जीएसटी संग्रह में वृद्धि अर्थव्यवस्था में तेजी और बेहतर अनुपालन को बताता है. हालांकि सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने में लोग पिछले महीने के बकाये का भी भुगतान करने की कोशिश करते हैं और इसीलिए अप्रैल 2018 के राजस्व को भविष्य के लिये प्रवृत्ति नहीं माना जा सकता.
जीएसटी के तहत ई-वे बिल पूरी तरह लागू हो चुका है. इसके अलावा टीडीएस (टैक्स डिडक्टेट एट सोर्स) और टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) और क्रेडिट मैचिंग जैसी व्यवस्था अगले महीने से लागू हो सकती है.
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