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इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने क्रिप्टोकरंसी को उभरते हुए बाजारों के लिए एक चुनौती करार दिया है और इन्हें सख्त नियमों से नियंत्रित करने वकालत की है. गीता गोपीनाथ ने हालांकि माना है कि क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने में काफी अड़चनें हैं क्योंकि यह पूरी तरह विकेंद्रित व्यवस्था है.
गोपीनाथ का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए विधेयक लाने जी रही है, हालांकि सरकार इस शीतकालीन सत्र में यह बिल नहीं लाया जा रहा है.
बिजनस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार गीता गोपीनाथ ने कहा, ''मुझे लगता है कि उभरते बाजारों के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक खास चुनौती है. ऐसा लग रहा है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उभरते हुए बाजारों के लिए यह ज्यादा बड़ी चुनौती है. उभरते हुए बाजारों में एक्सचेंज रेट कंट्रोल है, कैपिट फ्लो कंट्रोल है, क्रिप्टोकरेंसी इसके प्रभावित कर सकता है.
उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर अनिश्चितता की वजह से अगली कुछ तिमाहियों तक फिस्कल और मॉनिटरी पॉलिसी को उदार बनाने की जरूरत है.
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