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क्या आपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया है? अगर नहीं, तो जल्दी कीजिए क्योंकि रिटर्न फाइल करने के लिए केवल चार दिन बचे हैं. केंद्र सरकार ने अक्टूबर में लोगों को राहत देते हुए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया था.
टैक्सपेयर्स, जिनके रिटर्न में ऑडिट रिपोर्ट नहीं लगती है, वह 31 दिसंबर 2020 तक अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. वैसे टैक्सपेयर्स, जिनके रिटर्न में ऑडिट रिपोर्ट लगानी पड़ती है, उनके लिए आईटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी, 2021 तय की गई है.
आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आने पर आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए ‘झटपट प्रोसेसिंग’ शुरू की है. ऐसे में झटपट प्रोसेसिंग का उपयोग करके आप जल्द आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. विभाग की वेबसाइट पर आपको विभाग की ओर से शुरू की गई इस पहल का स्लोगन ‘फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से’ देखने को मिलेगा. इसमें बताया गया है कि आप आईटीआर-1 और आईटीआर-4 कैसे दाखिल कर सकते हैं.
आईटीआर-4 उन आयकर दाताओं के लिए है जो व्यवसायी या पेशेवर हैं. इसमें वो लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने आयकर अधिनियम के सेक्शन 44एडी, सेक्शन 44एडीए और 44एई के मुताबिक संभावित आय स्कीम का विकल्प लिया है.
इनकम टैक्स विभाग ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अब तक 4.2 करोड़ से अधिक लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल किए हैं. विभाग के एक ट्वीट में कहा गया है कि 26 दिसंबर तक 4.15 करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए हैं, जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 26 अगस्त 2019 तक 4.14 करोड़ से अधिक फाइल किए गए थे.
विभाग के एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, 5,64,541 आईटीआर आज 6 बजे तक फाइल किए गए हैं और पिछले 1 घंटे में 67,965 फाइल किए गए.
महामारी के बावजूद चालू वर्ष में रिटर्न फाइलिंग की संख्या अधिक रही है, क्योंकि सरकार ने रिटर्न फाइलिंग की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है.
केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सालाना रिटर्न (GSTR-9) और रिकन्सीलिएशन स्टेटमेंट (GSTR-9C) फाइल करने की आखिरी तारीख को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया था.
GSTR-9 एक सालाना रिटर्न है, जो गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के तहत रजिस्टर्ड टैक्सपेयर को हर साल फाइल करनी होती है. इसमें अलग-अलग टैक्स हेड के तहत भेजी गई और मिली सप्लाई की जानकरी होती है. GSTR-9 और ऑडिटेड सालाना वित्तीय स्टेटमेंट के बीच का एक रिकन्सीलिएशन स्टेटमेंट GSTR-9C होता है.
सालाना रिटर्न फाइल करना सिर्फ उन्हीं टैक्सपेयर के लिए अनिवार्य हैं, जिनका एग्रीगेट सालाना टर्नओवर 2 करोड़ से ज्यादा है. वहीं, रिकन्सीलिएशन स्टेटमेंट उन को देना होता है, जिनका एग्रीगेट टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा होता है.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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