Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business news  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मोदी सरकार के टैक्स टारगेट से दबाव में अधिकारी, कुछ ने छोड़ी नौकरी

मोदी सरकार के टैक्स टारगेट से दबाव में अधिकारी, कुछ ने छोड़ी नौकरी

आर्थिक मंदी के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ज्यादा टैक्स कलेक्शन चाहती है 

क्विंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
Updated:
दिल्ली के इकनम टैक्स ऑफिस की तस्वीर 
i
दिल्ली के इकनम टैक्स ऑफिस की तस्वीर 
(फोटो: क्विंट हिंदी) 

advertisement

केंद्र सरकार के टैक्स कलेक्शन टारगेट की वजह से टैक्स अधिकारी काफी दबाव में हैं. दरअसल आर्थिक मंदी के बीच नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि ये अधिकारी इस साल 17 फीसदी ज्यादा डायरेक्ट टैक्स कलेक्ट करें.

यह टारगेट तब भी बरकरार है, जब सरकार डायरेक्ट टैक्स के अंदर आने वाले कोरपोरेट टैक्स में भारी कटौती कर चुकी है. इसके अलावा सरकार ने टैक्स अधिकारियों को हिदायत दे रखी है कि टैक्स कलेक्ट करते वक्त कारोबारियों को परेशान ना किया जाए.

इस मामले पर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक दर्जन से ज्यादा टैक्स अधिकारियों से बातचीत की है, जिन पर नामुमकिन दिख रहे टैक्स टारगेट को पूरा करने का दबाव है. इस टारगेट से उनके अप्रेजल और ट्रांसफर पर भी असर पड़ेगा.

इनकम टैक्स गजेटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट भास्कर भट्टाचार्य की तरफ से मुहैया कराए गए डेटा के मुताबिक, इस साल अब तक टैक्स डिपार्टमेंट के 22 टॉप लेवल अधिकारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए अर्जी दे चुके हैं, जबकि साल 2018 में करीब 34 अधिकारियों ने ऐसा किया था.

भट्टाचार्य के मुताबिक, पहले ऐसा बहुत कम देखने को मिलता था कि ब्यूरोक्रेट ऐसी प्रतिष्ठाजनक माने जानी वाली नौकरियां छोड़ रहे हों. उन्होंने कहा, ''यहां तक कि 25-30 साल से काम कर रहे सीजन्ड ऑफिसर भी इस दबाव को और नहीं झेल सकते. वीआरएस की एक के बाद एक अर्जियां आ रही हैं, जबकि फिलहाल डिपार्टमेंट में वीआरएस या गोल्डन हैंडशेक जैसी कोई योजना नहीं है.''

अपनी नौकरी छोड़ने वाले एक टैक्स अधिकारी ने रॉयटर्स से कहा, ‘’जिसके पास भी कोई और विकल्प है वो कहता है कि हम इस डिपार्टमेंट में क्यों रहें.’’ इसके अलावा उन्होंने बताया कि वो जिस तनाव को महसूस कर रहे थे, वो असहनीय होता जा रहा था.

उत्तरी भारत में एक टैक्स अधिकारी ने बताया, ''दबाव बढ़ता जा रहा है. अपने टारगेट पूरे करने के लिए हम दबाव में हैं, ऐसे में हम ऐसी चीजें करते हैं, जो हम करना नहीं चाहते.''

रॉयटर्स को वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि इस वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 3 फीसदी ही बढ़ा है.

मूडीज की भारतीय इकाई आईसीआरए में प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट अदिति नायर ने अनुमान लगाया है कि इस साल के टारगेट को पूरा करने के लिए बाकी 6 महीनों में टैक्स कलेक्शन 42 फीसदी बढ़ाना होगा.

रॉयटर्स ने बताया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने इस्तीफों पर टिप्पणी करने और डेटा मुहैया कराने के अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. CBDT ने टैक्स टारगेट को लेकर पूछे गए सवालों पर भी जवाब नहीं दिया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 16 Nov 2019,11:21 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT