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इंडिगो के प्रमोटरों के झगड़े की वजह से एयरलाइंस चलाने वाली कंपनी इंटरग्लोबल एविएशन के शेयर बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 19 फीसदी गिर गए. इंटरग्लोब एविएशन के एक प्रमोटर राकेश गंगवाल ने कॉरपोरेट गवर्नेंस मामलों को लेकर सेबी का दरवाजा खटखटाया था. इस खबर के बाद बुधवार को शेयर बाजार में इसके शेयर 19 फीसदी गिर कर 1264,85 रुपये पर पहुंच गए. मार्च के बाद यह इंडिगो के शेयरों में सबसे बड़ी गिरावट है. जनवरी 2016 के बाद इस शेयर में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है.
इस बीच, राकेश गंगवाल ने एयरलाइन में संचालन में गंभीर खामियों का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘पान की दुकान’ भी अपने मामलों को इससे बेहतर तरीके से संभालती है.गंगवाल ने कहा कि कंपनी ने मूल सिद्धांतों और संचालन मूल्यों से ‘ पीछे हटना ‘शुरू कर दिया है. इन्हीं सिद्धांतों और मूल्यों ने कंपनी को आज इस मुकाम पर पहुंचाया है. गंगवाल और उनके सहयोगियों की इंटरग्लोब एविएशन में करीब 37 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
इंटरग्लोब एविएशन देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी है. को-प्रमोटर राहुल भाटिया और उनके सहयोगियों की कंपनी में करीब 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है.गंगवाल ने बाजार नियामक सेबी को लिखे पत्र में कंपनी में संचालन के स्तर पर कई गंभीर खामियों को उठाया है. उन्होंने भाटिया और उनकी कंपनियों पर संदिग्ध लेनदेन में लिप्त होने का आरोप लगाया है.
उनके अनुसार , शेयरधारकों के समझौते में उनके दोस्त भाटिया को इंडिगो पर असामान्य नियंत्रण अधिकार दिए गए हैं. उन्होंने चिट्ठी की कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन , नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत अन्य लोगों को भेजी है. गंगवाल के निदेशक मंडल को असाधारण आम बैठक बुलाने के बारे में लिखे जाने के बाद भाटिया ने 12 जून को प्रस्ताव का विरोध किया था.
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