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देश में मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर में इजाफा दर्ज हुआ है. मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर 2.86 फीसदी रही, जबकि फरवरी में यह दर 2.57 फीसदी रही थी. फरवरी में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में गिरावट आई है. आईआईपी 1.4 फीसदी से गिरकर 0.1 प्रतिशत पर आ गया. पिछले 20 महीने में यह सबसे कम है.
एक तरफ जहां उत्पादन में कमी आई है वहीं महंगाई बढ़ी है. देश में महंगाई दर 2.57 फीसदी से बढ़ कर 2.86 फीसदी पर पहुंच गई. सोमवार को शेयर बाजार खुलने पर इन आंकड़ों का असर बाजार पर देखा जा सकता है. बाजार के जानकारों के अनुसार इन कमजोर आंकड़ों के आने से शेयर बाजार में गिरावट की आशंका बनी हुई है. यदि बाजार में गिरावट आती है तो म्युचूअल फंड्स के रिटर्न पर भी इसका असर देखा जाएगा.
निर्माण उत्पादन, खासकर पूंजीगत और कंज्यूर प्रोडक्ट सेगमेंट में आई कमी की वजह से फरवरी में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 20 महीने के निचले स्तर पर रह गई है. आईआईपी में नवंबर 2018 से नरमी दर्ज की गई है और कमजोर निर्यात, ग्रामीण दबाव, ऋण समस्याओं तथा चुनाव परिणाम से जुड़ी अनिश्चितता की वजह से इसकी रफ्तार नरम बनी रहने के आसार हैं. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-फरवरी की अवधि में औद्योगिक उत्पादन इसके पहले के वित्त वर्ष की समान अवधि के 4.3 फीसदी की तुलना में 4 फीसदी बढ़ा.
पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में जहां वित्त वर्ष 2019 के दौरान अप्रैल-अक्टूबर में 8.9 प्रतिशत की औसत वृद्घि दर्ज की गई थी और इससे अर्थव्यवस्था में निवेश में सुधार की उम्मीद बढ़ गई थी, लेकिन फिर से इसकी चमक फीकी पड़ती दिख रही है.
आईआईपी में नवंबर 2018 से नरमी दर्ज की गई है और कमजोर निर्यात, ग्रामीण दबाव, ऋण समस्याओं तथा चुनाव परिणाम से जुड़ी अनिश्चितता की वजह से इसकी रफ्तार नरम बनी रहने के आसार हैं.
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