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जेट एयरवेज के पायलट परेशान हैं. जेट के बंद होने के बाद उन्हें दूसरी कंपनियों में कम सैलरी पर नौकरी लेनी पड़ रही है. अब जेट के पायलटों ने आरोप लगाया है कि स्पाइसजेट प्रबंधन उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे सात साल का बॉन्ड भरवा रहा है.
बेरोजगारी की मार झेल रहे जेट एयरवेज के पायलटों ने आरोप लगाया है कि स्पाइसजेट उन्हें पहले से भी कम सैलेरी पर रख रही है. इतना ही नहीं उनसे सात साल का बॉन्ड भरने को कहा जा रहा है, यानी इस बीच वो नौकरी छोड़कर कहीं जा नहीं सकते हैं. साथ ही इन सात सालों में न उनकी सैलरी बढ़ाई जाएगी और न प्रमोशन मिलेगा. हालांकि, स्पाइसजेट ने इन आरोप से इंकार किया है.
जेट एयरवेज की पायलट यूनियन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (NAG) ने स्पाइसजेट प्रबंधन के इस व्यवहार की निंदा की है. नेशनल एवियेटर्स गिल्ड ने एक बयान में कहा है, ‘‘हम बेहद निराश हैं और हमारे सदस्यों के साथ हुए ऐसे व्यवहार से दुखी हैं.’’
NAG ने लिखा है कि हम हमारे साथियों को नौकरी देने के प्रयासों की सराहना करते हैं, लेकिन हमारा अनुरोध है कि उनकी परिस्थितियों का नाजायज लाभ न उठाया जाए.
जेट एयरवेज ने 18 अप्रैल से उड़ानें बंद कर दी हैं. इसके बाद उसके 1,300 से ज्यादा पायलट बेरोजगार हो गए. 20,000 कर्मचारियों की नौकरी भी खतरे में पड़ गई है.
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