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देश में गाड़ियों की बिक्री कम होने की वजह जानने की कोशिश कर रहे वित्त राज्य मंत्री को खरी-खरी सुननी पड़ी. ऑटो कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन यानी ACMA के एक इवेंट में जब वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मैन्यूफैक्चरर्स से पूछा कि गाड़ियों की बिक्री कम क्यों रही है तो इंडस्ट्री के एक प्रतिनिधि ने कहा कि ऐसा नोटबंदी की वजह से हुआ.
6 सितंबर को ACMA के एक इंवेंट में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने ऑटो इंडस्ट्री की कंपनियों के प्रतिनिधियों से पूछा कि सरकार और आरबीआई की पहलकदमियों और मैन्यूफैक्चरर्स की ओर से दिए जा रहे बड़े डिस्काउंट के बावजूद गाड़ियों की बिक्री बढ़ क्यों नहीं रही है? इस पर जीएस ऑटो लुधियाना के जसबीर सिंह ने चिल्लाते हुए कहा कि यह नोटबंदी के बाद का नतीजा है. लोगों के पास पैसे नहीं है. हालांकि ठाकुर उनकी बात सुन कर शांत रहे. वह बार-बार उन्हें थैंक्यू बोलते सुने गए.
बाद में ठाकुर ने पूछा कि सरकार और आरबीआई की ओर से कदम उठाए जाने और मैन्यूफैक्चरर्स की ओर से डिस्काउंट के बाद भी गाड़ियों मांग उठ क्यों नहीं रही. क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग में कमी है यह घरेलू मांग में कमी है. क्या लोग आजकल कैब में चल रहे हैं या फिर लोगों ने बीएस-VI मानकों का लागू होने का इंतजार कर रहे हैं? ठाकुर ने कुछ और सवाल पूछ कर ऑटो इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से कार की बिक्री में कमी की वजह पूछी.
इसके बाद हैवी इंडस्ट्री राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनाने के लिए जरूरी थे. उन्होंने कहा इन्हीं आर्थिक सुधारों की वजह से भारत 3 ट्रिलियन की इकनॉमी बन सका है. इस देश को तरक्की करना है. यहां पैरेलल इकनॉमी नहीं चल सकती. मोदी सरकार में समांतर अर्थव्यवस्था चलने की इजाजत नहीं दी सकती.
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