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केंद्र सरकार आठ मंत्रालयों का एसेट मॉनेटाइजेशन (asset monetization) करने जा रही है, जिससे उसे 6 लाख करोड़ की राशि मिलने की उम्मीद है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने दावा किया है कि इस प्रोग्राम से 4 साल में 6 लाख की कमाई होगी. सीतारमण ने 22 अगस्त को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) लॉन्च की थी. केंद्र कुछ परियोजनाएं, रेल, सड़क, एयरपोर्ट, गैस. पाइपलाइल, स्टेडियम, बिजली गोदाम को निजी क्षेत्रों को देगी, जिसके बदले में सरकार को मोटा किराया मिलेगा.
वैसे इस प्रक्रिया में प्रोजेक्ट का स्वामित्व प्राइवेट कंपनियों को नहीं मिलेगा, कुछ सालों के बाद सरकार उनका स्वामित्व दोबारा अपने हाथ में ले लेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि NMP रोजगार के अवसर पैदा करेगा, जिससे उच्च आर्थिक विकास को सक्षम बनाया जा सकेगा और जन कल्याण के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को एकीकृत किया जा सकेगा. लेकिन क्या सरकार की ये नीति काम करेगी?
नोएडा एयरपोर्ट के बोर्ड मेंबर सिद्धार्थ कपूर ने CNBC TV18 से कहा कि पूरी मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन बहुत 'साहसी' कदम है. कपूर ने कहा, "जहां तक एयरपोर्ट्स की बात है, इस सेक्टर में निजीकरण का अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है, तो मुझे नहीं लगता कि एयरपोर्ट्स को inVIT रूट से जाने की जरूरत होगी. इन्हें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) रास्ते से जाना चाहिए."
NHAI के पूर्व चेयरमैन राघव चंद्रा ने CNBC TV18 से कहा, "मैं इसे बहुत बड़े स्तर की PPP पहल के रूप में देखता हूं. शासन के तरीके से देखने पर मैं इसे सकारात्मक कदम कहूंगा और वित्त मंत्री ने इसकी निगरानी करने की प्रतिबद्धता दिखाई है. निजी पार्टी के पास 25-30 साल तक एसेट रहने के बाद उसे कमर्शियलाइज, दोबारा बनाने और अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न पाने का काफी समय मिलेगा."
सेंट्रम ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रबल सेन ने CNBC TV18 से कहा कि गैस पाइपलाइनों का ऑपरेशन क्षमता या उससे कम पर हो रहा है क्योंकि सप्लाई नहीं है. सेन ने कहा, "अगर प्राइवेट प्लेयर भी आता है तो मुझे नहीं समझ आता कि वो GAIL से अतिरिक्त उपयोग कहां से ले आएगा. उपयोग में बढ़ोतरी धीरे-धीरे होगी और उसके लिए पहचान करनी होगी कि किस पाइपलाइन में ज्यादा क्षमता पर चलने का पोटेंशियल है."
फीडबैक इंफ्रा के चेयरमैन विनायक चटर्जी ने ET Now के साथ इंटरव्यू में NMP को 'साहसी' बताया लेकिन साथ ही चिंता भी जताई. चटर्जी ने कहा कि हम 6 लाख करोड़ की एसेट को PPP फ्रेमवर्क में रखने जा रहे हैं लेकिन हम PPP की कमियों पर बात करते रहे हैं और प्राइवेट प्लेयर को इस फॉर्मेट से चिंता होगी. चटर्जी ने कहा, "जब तक हम PPP की दिक्कतों को पहचान कर ठीक नहीं करेंगे, तब तक इस फ्रेमवर्क का इतनी एसेट पर लागू होना मुश्किल होगा."
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