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2021-22 में डबल-डिजिट ग्रोथ दर्ज करेगी इकनॉमी: नीति आयोग VC राजीव कुमार

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि विनिवेश का माहौल बेहतर दिख रहा है.

क्विंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार
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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार
(फाइल फोटो: PTI)

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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने उम्मीद जताई है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय इकनॉमी 10 फीसदी या उससे ज्यादा की ग्रोथ दर्ज करेगी. उन्होंने कहा है कि विनिवेश का माहौल बेहतर दिख रहा है.

कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘उम्मीद है कि अब हम (कोरोना) महामारी को पीछे छोड़ रहे हैं. चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में प्रवेश के साथ ही आर्थिक गतिविधियां बेहतर होंगी. कई उदाहरण, मसलन आवागमन आदि में तेजी, इसी का संकेत दे रहे हैं.’’

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भरोसा जताया कि इकनॉमी की रिकवरी काफी मजबूत है और जिन एजेंसियों या संगठनों ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने जीडीपी के अनुमान को घटा दिया था, उन्हें संभवत: इसे संशोधित कर अब बढ़ाना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था डबल डिजिट (दस फीसदी या उससे ज्यादा की) वृद्धि दर्ज करेगी.’’
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बता दें कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आई है. रेटिंग एजेंसियों में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को 11 से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है. फिच रेटिंग्स ने भी ग्रोथ रेट के अनुमान को 12.8 से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है.

रेटिंग एजेंसियों ने COVID-19 की दूसरी लहर के बीच रिकवरी की रफ्तार सुस्त पड़ने की वजह से अपने ग्रोथ रेट के अनुमान को कम किया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या निजी निवेश रफ्तार पकड़ेगा, कुमार ने कहा कि इस्पात, सीमेंट और रियल एस्टेट जैसे कुछ क्षेत्रों में पहले ही उल्लेखनीय निवेश देखने को मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र में संभवत: ज्यादा समय लगेगा, क्योंकि महामारी को लेकर अनिश्चितता की वजह से अभी ग्राहक असमंजस में हैं.

कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बारे में पूछे जाने पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘सरकार किसी संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए ज्यादा बेहतर स्थिति में है. मेरा मानना है कि तीसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव दूसरी लहर या पहली लहर की शुरुआत की तुलना में सीमित रहेगा. ’’

कुमार ने कहा कि सरकार की तैयारियां काफी उल्लेखनीय हैं और साथ ही राज्यों ने भी महामारी से निपटने का अपना सबक सीखा है.

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