PMC बैंक घोटाले की जांच रिपोर्ट अभी तैयार नहीं: RBI

RB Iने कहा है कि घोटाला प्रभावित PMC बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर जांच रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है.

क्विंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
Published:
फाइनेंस फ्रॉड केस को लेकर सुर्खियों में आई थी PMC बैंक
i
फाइनेंस फ्रॉड केस को लेकर सुर्खियों में आई थी PMC बैंक
(फोटोः Reuters)

advertisement

रिजर्व बैंक ने कहा है कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव (PMC) बैंक घाटे की वित्तीय स्थिति को लेकर जांच रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है. RTI के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा कि शुरुआती पड़ताल से पता चलता है कि बैंक में बड़े पैमाने पर धांधली हुई. इसके कारण उसके निदेशक मंडल को हटाने और बैंकिंग नियमन कानून-1949 के निर्देशों को लागू करने की जरूरत पड़ी.

‘‘जांच रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप दिया जाना है. आरबीआई की बैंक की 31 मार्च 2019 तक वित्तीय स्थिति को लेकर जांच अभी जारी है.’’
रिजर्व बैंक

रिजर्व बैंक ने RTI के प्रावधानों का हवाला देते हुए बैंक में अनियिमितताओं को लेकर की गयी दो शिकायतों की प्रति सौंपने और उस पर की गयी कार्रवाई की जानकारी देने से मना किया. ये प्रावधान उन सूचनाओं के खुलासे पर प्रतिबंध लगाता है जिससे जांच या गड़बड़ी करने वालों का अभियोजन प्रक्रिया प्रभावित होती है.

आरबीआई ने 17 सितंबर के पत्र के जरिये मिली शिकायत के आधार पर 19 सितंबर को बैंक की 31 मार्च 2019 तक की वित्तीय स्थिति की जांच शुरू की. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पीएमसी बैंक के कामकाज में अनियमितताएं हैं.

‘‘विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा बैंक की जांच अभी जारी है. ऐसे में सूचना के अधिकार कानून, 2005 की धारा 8 (1) (जी) और 8 (1) (एच) के तहत जानकारी देने से छूट है.’’
आरबीआई
धारा 8 (1) (जी) के तहत ऐसी सूचनाओं को साझा करने से इनकार किया जा सकता है जिससे किसी के जीवन को खतरा हो या स्रोत की पहचान को गुप्त रखने की आवश्यकता है. वहीं 8 (1) (एच) उन सूचनाओं को साझा करने से मना करता है जिससे जांच प्रक्रिया प्रभावित होती हो.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या है मामला?

RTI के तहत आरबीआई से पीएमसी बैंक में कथित अनियमितताओं को लेकर की गयी शिकायतों की प्रति साझा करने और उस पर की गयी कार्रवाई के बारे में जानकारी देने की मांग की गयी थी.

पीएमसी में वित्तीय अनियमिताएं पाये जाने के बाद सहकारी बैंक पर 23 सितंबर से आरबीआई की पाबंदी है. बैंक ने कर्ज और एचडीआईएल को दिये गये 6,500 करोड़ रुपये के कर्ज के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बनने के बारे में पूरी जानकरारी नहीं दी. बैंक ने अपने कुल 8,880 करोड़ रुपये के कर्ज में से 6,500 करोड़ रुपये एचडीआईएल को दे रखे थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT