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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बजट को लेकर कहा है कि हमारे पास हमेशा 'फजट' होता है. उन्होंने यह बात दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के इतर ब्लूमबर्गक्विंट से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कही.उनसे पूछा गया था कि क्या वह सरकार के उस बयान पर भरोसा करते हैं, जिसमें उसने राजकोषीय घाटे को 3.5 पर सीमित रखने की बात कही है. फजट टर्म 'फॉक्स बजट' के लिए प्रयोग होती है, जिसमें काल्पनिक आंकड़े और अनुमान को प्रयोग किया जाता है.
राजकोषीय घाटे पर राजन ने कहा, ''आंकड़े उतने अहम नहीं है, जितनी अहम उनके पीछे की क्वालिटी होती है. कई चीजों को बैलेंस शीट से हटाकर आंकड़ों को हासिल किया जा सकता है. सीएजी ने भी इसी तरफ इशारा किया था.''
मिंट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में नेशनल ऑडिटर सीएजी ने फिस्कल डेफिसिट और रेवेन्यू डेफिसिट की असली सीमा को छिपाने वाले तरीके को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की थी.
आगामी बजट के बारे में राजन ने कहा कि सरकार को ऐसा बजट लाना चाहिए कि सत्ता में आने वाली अगली सरकार पर बोझ ना पड़े. इसके अलावा उन्होंने कहा कि आम चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली अगली सरकार को ज्यादा नौकरियां पैदा करने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा, ''अगली सरकार को एजेंडा के तौर पर नौकरियां पैदा करने के साथ-साथ खेती वाले और ग्रामीण इलाकों में आजीविका की गुणवत्ता सुधारने पर फोकस करना चाहिए.''
अपने मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गए वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को बजट पेश करने से पहले शुक्रवार को घर वापस आ जाएंगे. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वित्त मंत्री 25 जनवरी की शाम को वापस लौटने वाले हैं. अंतरिम बजट निश्चित तौर पर वही पेश करेंगे."
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