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रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. अब रेपो रेट 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी होगा.
आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के फैसले पर महंगाई में बढ़ोतरी का असर साफ दिखा. रिजर्व बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों के लिए ब्याज महंगा हो जाएगा और इसका असर महंगे होम और कार लोन के तौर पर दिख सकता है. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी छमाही में महंगाई दर 4.8 फीसदी रहने की संभावना जताई है. दूसरी तिमाही में महंगाई दर 4.6 फीसदी रह सकती है.
जान लीजिए ब्याज बढ़ने से कितनी बढ़ जाएगी आपके होम लोन की ईएमआई
मॉनिटरिंग कमेटी ने एमएसपी के उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी का भी जिक्र किया है और इससे महंगाई पर दवाब की बात कही है. जून में रिटेल महंगाई दर 5 फीसदी पर पहुंच गई. मई में यह 4.87 फीसदी थी.
रेपो रेट बढ़ने से बैकों का लोन महंगा होना तय है. हालांकि आपके डिपोजिट पर भी ब्याज दरें बढ़ेंगी. बैंकों ने लोन की ब्याज दरें मई से ही बढ़ानी शुरू कर दी थीं. साथ ही डिपोजिट दरों में भी बढ़ोतरी शुरू हो गई थी. एसबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी मीटिंग से पहले ही लंबी अवधि की डिपोजिट्स पर आधा फीसदी ब्याज बढ़ा दिया है. इसलिए साफ है कि लोन महंगा होगा. हालांकि बैंक में जमा आपकी रकम पर भी ब्याज बढ़ सकता है
आरबीआई ने जून महीने की क्रेडिट पॉलिसी के ऐलान के दौरान रेपो रेट चौथाई फीसदी बढ़ोतरी कर दी थी और यह 6.25 फीसदी पर आ गई थी.
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