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RBI मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान, रेपो रेट में 25 bps का इजाफा, लोन होगा महंगा

RBI क्रेडिट पॉलिसी: रिजर्व बैंक यानी ने ब्याज दरों पर अहम फैसला लिया है.

क्विंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा की. </p></div>
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा की.

(फोटो: Bloomberg)

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RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक खत्म हो गई है. बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने पॉलिसी का ऐलान किया.

रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट में इजाफा किया है. रिजर्व बैंक (RBI) ने अब रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ा दिया है. जिसके बाद रेपो रेट 6.50 प्रतिशत हो गया है. RBI के फैसले से लोन लेना और EMI बढ़ना तय है. ब्‍याज दरों में लगातार 6वीं बार बढ़ोतरी हुई है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "पिछले तीन वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने दुनिया भर में मौद्रिक नीति की परीक्षा ली है. नीतिगत विश्वसनीयता बनाए रखते हुए उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं को आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के बीच तेज व्यापार का सामना करना पड़ रहा है." शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहते हैं,

"वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण अब उतना गंभीर नहीं दिखता जितना कुछ महीने पहले था, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में विकास की संभावनाओं में सुधार हुआ है, जबकि मुद्रास्फीति कम हो रही है, हालांकि मुद्रास्फीति अभी भी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में लक्ष्य से काफी ऊपर है."
दिसंबर, 2022 की MPC मीटिंग में RBI ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.35% बढ़ाया था. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में लगातार तीन बार 0.50% की वृद्धि की थी. कुल मिलाकर पिछली पांच क्रेडिट पॉलिसी में RBI ने कुल 225 बेसिस पॉइंट या 2.25 फीसदी का इजाफा रेपो रेट (Repo Rate) में किया था.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "2023-24 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति (inflation) के औसतन 5.6% रहने की उम्मीद है.

रेपो रेट बढ़ने से क्या असर पड़ता है?

  1. रेपो रेट बढ़ाने से आपके होम और कार लोन जैसे दूसरे कर्जों की EMI बढ़ जाएगी.

  2. रेपो रेट बढ़ने का असर आपके सेविंग बैंक अकाउंट और FD पर भी पड़ेगा.

  3. लगातार बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए भी केंद्रीय बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी करके इसे काबू में करने की कोशिश करता है. रेपो रेट में ताजा बढ़ोतरी से उम्मीद की जानी चाहिए कि महंगाई को काबू में रखने में मदद मिलेगी.

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क्या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट (Repo Rate) वह रेट होता है, जिस रेट पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कमर्शियल बैंकों (Commercial Banks) और दूसरे बैंकों को लोन देता है. उसे रिप्रोडक्शन रेट (Reproduction Rate) या रेपो रेट कहते हैं.

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