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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) 7 फरवरी को मॉनेटरी पॉलिसी स्टेटमेंट में रेपो रेट में चौथाई फीसदी की कमी कर सकता है. महंगाई में कमी को देखते हुए केंद्रीय बैंक यह कदम उठा सकता है. आरबीआई ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी. आरबीआई ने बताया, ''2018-19 के छठे द्विमासिक पॉलिस स्टेटमेंट के लिए 5-7 फरवरी को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक होगी. एमपीसी का रेजॉल्यूशन 7 फरवरी, 2019 को 11:45 AM पर वेबसाइट पर आ जाएगा.’’
महंगाई में नरमी को देखते हुए आरबीआई नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी तक कटौती कर सकता है. एसबीआई रिसर्च ने सोमवार को यह बात कही. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में होने वाली एमपीसी की 3 दिवसीय बैठक में यह फैसला लिया जा सकता है.
एसबीआई इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है, ''आरबीआई के फरवरी में अपने रुख में बदलाव करने की उम्मीद है, हालांकि दरों में बढ़ोतरी करने की संभावना कम ही है. दरों में पहली कटौती अप्रैल 2019 में की जा सकती है. हालांकि, अगर बैंक 7 फरवरी को दर में 0.25 फीसदी की कटौती करता है तो हमें हैरानी नहीं होगी.'' हालांकि कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक, राजकोषीय मोर्चे पर चुनौतियों और कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने से समिति के लिए नीतिगत ब्याज दर घटाना आसान नहीं होगा.
रिपोर्ट में कहा गया है, ''इस बात की कुछ वजहें हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि आरबीआई कटौती कर सकता है. पहली वजह यह कि प्रमुख मुद्रास्फीति अब भी नीचे स्तर पर बनी हुई और वृद्धि दर नरम है. दूसरी वजह यह कि जनवरी में ब्याज वृद्धि में दूसरे पखवाड़े में गिरावट आई है.''
अभी आरबीआई का रेपो रेट 6.50 फीसदी है. आरबीआई ने 1 अगस्त 2018 को रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी किया था. बता दें कि केंद्रीय बैंक ने पिछली तीन मौद्रिक समिति बैठक में नीतिगत दरों को बदला नहीं है. मौजूदा वित्त वर्ष में इससे पहले दो बार 0.25-0.25 फीसदी की वृद्धि की गई थी.
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