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बैंकों के जरिये पैसा भेजना अब फ्री हो सकता है. रिजर्व बैंक ने RTGS और NEFT के जरिये किए जाने वाले फंड ट्रांसफर पर चार्ज हटा दिए हैं. आरबीआई ने बैंकों से इसका फायदा अपने ग्राहकों को भी देने को कहा है. आरबीआई ने यह कदम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए उठाया है. बैंकों को एक सप्ताह में इस बारे में निर्देश दे दिया जाएगा. यानी अगले सात या दस दिनों में RTGS और NEFT से फंड ट्रांसफर फ्री हो सकता है.
केंद्रीय बैंक ने एक रिलीज जारी कर कहा है कि बैंकों को अपने कस्टमर्स तक इसका लाभ पहुंचाना चाहिए. रिजर्व बैंक बड़े ट्रांजेक्शन के लिए फंड ट्रांसफर में इस्तेमाल होने वाले रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम यानी RTGS के लिए चार्ज वसूलता था. NEFT के जरिये फंड ट्रांसफर पर भी चार्ज लगता था.
आरबीआई 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक के RTGS के लिए 25 रुपए शुल्क लेता था. पांच लाख रुपए से अधिक के लिए ये बैंक 50 रुपए चार्ज लेता था. आरबीआई 8 से 11 घंटे तक के लिए कोई एकस्ट्रा चार्ज नहीं लेता था. 11 घंटे से 13 घंटे के लिए 2 रुपए एकस्ट्रा , 13 घंटे से 16.30 घंटे के लिए 5 रुपए साढ़े सोलह घंटे से अधिक के लिए 10 रुपये एकस्ट्रा चार्ज वसूलता था.
एसबीआई के NEFT चार्ज के मुताबिक इंटरनेट के जरिये 10 हजार रुपये तक के फंड ट्रांसफर के लिए इंटरनेट बैंकिंग से 1 रुपया चार्ज लगता है. बैंक से NEFT करने पर ढाई रुपये का चार्ज है. दस हजार से अधिक रुपये इंटरनेट के जरिये ट्रांसफर करने पर 2 रुपया और बैंक से ट्रांसफर कराने पर 5 रुपये लगता है. इस पर GST अलग लगता है.
एसबीआई के RTGS चार्ज के मुताबिक दो लाख से पांच लाख रुपये का ट्रांसफर इंटरनेट बैंकिंग के जरिये कराने पर 5 रुपये लगते हैं. बैंक से ट्रांसफर कराने पर 25 रुपये लगते हैं. 50 लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग से भेजने पर 10 रुपये और बैंक से ट्रांसफर कराने पर 50 रुपये लगते हैं. इस पर अलग से जीएसटी लगता है.
NEFT यानी National Electronic Fund Transfer एक ऐसा पेमेंट सिस्टम है, जिससे एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसा भेजा जा सकता है. इंटरनेट के जरिये या बैंक के माध्यम से इससे पैसा भेजा जा सकता है. RTGS से बड़ी रकम ट्रांसफर की जाती है. RTGS से कम से कम 2 लाख रुपये ट्रांसफर हो सकते हैं. बैंक इस फंड ट्रांसफर के लिए चार्ज वसूलते हैं.
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