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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार, 27 मार्च को कहा कि कोरोनावायरस और उससे जुड़े सार्वजनिक प्रतिबंधों से आर्थिक तौर पर निपटने के लिए वित्तीय संस्थानों में करीब 3.74 लाख करोड़ रुपये के धन प्रवाह के इंतजाम किए गए हैं. इससे बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि नकदी बढ़ाने के उपायों के तहत आरबीआई बाजार में एक लाख करोड़ रुपये की नकदी डालने के लिए रेपो आधारित बॉन्ड की नीलामी करेगा.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि सभी बैंकों के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) एक फीसदी कम करके 3 फीसदी किया गया है. यह 28 मार्च से एक साल के लिए प्रभाव में रहेगा. इससे बाजार में 1.37 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आने की उम्मीद है. इससे पहले, आरबीआई ने फरवरी 2013 में सीआरआर में 0.25 फीसदी की कटौती की थी.
दास ने कहा कि कुल मिलाकर इन उपायों से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ेगी. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने यह भी कहा कि वित्तीय बाजार की स्थिरता और आर्थिक वृद्धि संभालने के लिए परंपरागत या लीक से हटकर, सभी तरह के विकल्प खुले हैं. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि देश में बैंक प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित है और वे घबराकर निजी बैंकों से पैसा न निकालें.
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) दवा और चिकित्सकीय उपकरणों की आपूर्ति करने वाले लघु और मध्यम उद्योगों को 50 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराएगा. कोरोनावायरस संकट से निपटने के लिए सिडबी ने शुक्रवार को यह मदद उपलब्ध कराने का ऐलान किया.
इस योजना के तहत हैंड सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने, सिर ढकने का कपड़ा, (हेड गियर), शरीर को ढकने के कपड़े (बॉडी सूट), जूते के कवर, वेंटिलेटर, चश्मे आदि बनाने वाले लघु और मध्यम उद्योग लोन पाने के योग्य होंगे.
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