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चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर तेज होने की आशंकाओं ने शुक्रवार को भारत के शेयर बाजारों को धराशायी कर दिया. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 410 की बड़ी गिरावट के साथ 32,596 प्वाइंट पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 1.15 फीसदी गिर कर 9,988 पर जा पहुंचा. इस साल पहली बार निफ्टी 10,000 से नीचे पहुंचा है.
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 1.75 फीसदी और निफ्टी में 1.93 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले 16 महीनों के दौरान यह सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट में है. बीएसई में 16 सेक्टरों के सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई. एसएंडपी मेटल इंडेक्स में सबसे ज्यादा 2.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. जबकि टेक इंडेक्स ने सबसे ज्यादा 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की. मिडकैप इंडेक्स 1.36 फीसदी गिरा और स्मॉल कैप इंडेक्स में 1.5 फीसदी की गिरावट हुई.
बाजार विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिका की ओर से चीन पर 60 अरब डॉलर का टैरिफ लगाए जाने के बाद जवाबी कार्रवाई की आशंका से बाजार में यह गिरावट दर्ज की गई. ट्रंप प्रशासन के फैसले के बाद चीन की ओर से जवाबी कार्रवाई के डर से वॉल स्ट्रीट और एशियाई बाजारों में भारी गिरावट आ गई. इसने भारतीय बाजार को भी प्रभावित किया.
दो सप्ताह पहले अमेरिका ने अपने यहां स्टील और एल्यूमीनियम पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. उसी वक्त लगा था कि चीन के साथ उसकी कारोबारी जंग छिड़ सकती है. हालांकि अमेरिका में कुल स्टील में चीन की हिस्सेदारी दो फीसदी ही है. लेकिन अमेरिका का असली निशाना चीन ही है. हालांकि अमेरिका की हालिया कार्रवाई के जवाब में चीन ने कड़ा जवाब देने की धमकी दी है. चीन अमेरिकी मक्का, सोयाबीन और मीट का बड़ा आयातक है. अमेरिकी बैंकिंग और फाइनेंस कंपनियां भी वहां सक्रिय हैं. अगर दोनों के बीच ट्रेड वॉर छि़ड़ी तो पूरे अंतरराष्ट्रीय बाजार को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. यही वजह है कि दोनों की तनातनी तेज होते हुए बाजार में गिरावट दिखाई दे रही है.
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