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शेयर बाजार में लगातार सातवें दिन गिरावट का आलम रहा. गुरुवार को सेंसेक्स 230 प्वाइंट गिर कर 37558 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 11,300 के लेवल के नीचे चला गया. एनर्जी, टेलीकॉम, पावर, मेटल और ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयरों में सेलिंग का प्रेशर था. आईटी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑटो शेयरों में खरीदारी दिखी. हालांकि बाजार गिर कर बंद हुआ. पिछले सात कारोबारी सेशन में शेयर बाजार में निवेशकों के छह लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं. बहरहाल, सातवें दिन भी गिरावट जारी रहने की वजहें क्या हैं? आइए समझते हैं-
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की तल्खी का असर कम नहीं हुआ है. इसका असर एशियन मार्केट पर दिख रहा है. एशियाई बाजार गुरुवार को आठ हफ्ते के निचले स्तर पर आ गए. चीनी, जापान और हांगकांग के शेयर बाजारों में गिरावट का असर भारतीय बाजार पर पड़ा. चीनी शेयरों में 11 सप्ताह की गिरावट दिखी. जबकि शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 1.5 फीसदी नीचे गिर गया. यूरोपीय बाजार में भी गिरावट. इसका असर भारतीय बाजार पर तो पड़ना ही था.
बाजार को इलेक्शन नतीजों की चिंता लगी हुई. उसे लग रहा है कि 23 मई को नतीजे उसके मुताबिक नहीं आएंगे. इसलिए बाजार के खिलाड़ी अपना एक्सपोजर कम कर रहे हैं. यही वजह है कि बाजार में गिरावट का आलम देखने को मिल रहा है.
मॉर्गन स्टेनली की ओर से डाउनग्रेडिंग के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गुरुवार को जम कर गिरावट दर्ज हुई. रिलायंस का शेयर 3.141 फीसदी गिर कर 1255 पर पहुंच गया. एचडीएफसी, एलएंडटी, एनटीपीसी, एशियन पेंट्स और भारती एयरटेल में गिरावट का भी असर बाजार पर दिखा
भारी सेलिंग और डॉलर के आउटफ्लो की वजह से रुपये में कमजोरी दिखी और यह 23 पैसे गिर गया. इसने बाजार में और कमजोरी पैदा की. बाजार विश्लेषकों का कहना है कि रुपये में अभी और कमजोरी आ सकती है.
देखें वीडियो : चुनाव से पहले क्यों बेचैन है शेयर बाजार? यहां मिलेगा हर जवाब
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